एक पंडित जी रामायण कथा सुना रहे थे। लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। पंडित जी का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले “आइए हनुमंत जी बिराजिए” कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे।वकील साहब हर रोज कथा सुनने आते। वकील साहब के भक्तिभाव पर एक दिन तर्कशीलता हावी हो गई।उन्हें …
Read More »story of sanskriti
नाग पंचमी
प्राचीन काल में एक सेठजी के सात पुत्र थे। सातों के विवाह हो चुके थे। सबसे छोटे पुत्र की पत्नी श्रेष्ठ चरित्र की विदूषी और सुशील थी, परंतु उसके भाई नहीं था। एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी डलिया (खर और मूज की बनी …
Read More »नई पीढ़ी में वास्तविक बदलाव
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में जितना बदलाव हमारी पीढ़ी ने देखा है वह ना तो हमसे पहले किसी पीढ़ी ने देखा है और ना ही हमारे बाद किसी पीढ़ी के देखने की संभावना लगती हैहम वह आखिरी पीढ़ी हैं जिसने बैलगाड़ी से लेकर सुपर सोनिक जेट देखें हैं.बैरंग ख़त से लेकर लाइव चैटिंग तक देखा …
Read More »जैसा अन्न वैसा मन
जैसा अन्न वैसा मन एक बार एक ऋषि ने सोचा कि लोग गंगा में पाप धोने जाते हैं, तो इसका मतलब हुआ कि सारे पाप गंगा में समा गए और गंगा भी पापी हो गयी ! अब यह जानने के लिए तपस्या की, कि पाप कहाँ जाता हैं ? तपस्या करने के फलस्वरूप देवता प्रकट हुए , ऋषि ने पूछा …
Read More »झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई का बेटा दामोदर राव
झांसी के अंतिम संघर्ष में महारानी की पीठ पर बंधा उनका बेटा दामोदर राव (असली नाम आनंद राव) सबको याद है. रानी की चिता जल जाने के बाद उस बेटे का क्या हुआवो कोई कहानी का किरदार भर नहीं था, 1857 के विद्रोह की सबसे महत्वपूर्ण कहानी को जीने वाला राजकुमार था जिसने उसी गुलाम भारत में जिंदगी काटी, जहां …
Read More »गंगा जल
अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब गंगाजल पिलाना चाहिए।गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है ; …
Read More »जय श्री राम
कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी, फिर उस धनुष को भंग करने की क्या आवश्यकता थी?यदि आप मेरा दृष्टिकोण पूछें तो मैं यही कहूंगा कि उस धनुष की आयु उतनी ही थी। अपना औचित्य (देवी सीता हेतु श्रीराम का चुनाव) पूर्ण करने के उपरांत उस धनुष …
Read More »वासुदेव बलवंत फड़के
अगर बात करे भारतीय स्वतंत्रता की क्रांति और उन क्रांतिकारियों की जिनकी वजह से देश को आजादी मिली तो इतिहास की रेत में शायद हज़ारों नाम दबे मिले। पर हम सिर्फ कुछ नामों से ही रु-ब-रु हुए हैं। वैसे तो भारत माँ के इन सभी सपूतों के बारे में जानकारी सहेजने की कोशिश जारी है ताकि आने वाली हर पीढ़ी …
Read More »भोजन संस्कृति
हमने कभी वेदों का अध्ययन नही किया,हमने कभी गीता पढ़कर उसे अमल में लाने का प्रयास नही किया,हमने योग विद्या को कभी नही अपनाया,हमने आयुर्वेद में कोई अनुसंधान नही किया,हमने संस्कृत भाषा को कोई महत्व नही दिया ऐसी बहुत सी अच्छी और महत्वपूर्ण चीजें है जो हमारे पूर्वज हमारे बुजुर्ग हमे विरासत में दे गए पर हम पाश्चात्य संस्कृति अपनाने …
Read More »पॉजिटिव सोच
आपसे कोई पूछे भारत के सबसे अधिक शिक्षित एवं विद्वान व्यक्ति का नाम बताइए जो-▪️डाक्टर भी रहा हो,▪️वकील भी रहा हो,▪️IPS अधिकारी भी रहा हो,▪️IAS अधिकारी भी रहा हो,▪️कुलपति भी रहा हो,▪️विधायक, मंत्री, सांसद भी रहा हो,▪️चित्रकार, फोटोग्राफर भी रहा हो,▪️मोटिवेशनल स्पीकर भी रहा हो,▪️पत्रकार भी रहा हो,▪️संस्कृत, गणित का विद्वान भी रहा हो,▪️इतिहासकार भी रहा हो,▪️समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र का भी …
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