पापा जी आपने पूरा घर ही गन्दा कर दिया| अभी अभी राधा ने पोछा मारा था और आपने चप्पलों के निशान छोड़ दिए| थोड़ी तो समझ होनी चाहिए आपको? आप बच्चे तो हैं नहीं बहू रिया के मुँह से ये शब्द सुनकर अनिल जी हतप्रभ से खड़े रह गए
Read More »story of sanskriti
नींव की तलाश: एक सेठ की चिंता
बड़े बाजार में एक शानदार हवेली बनाने की तैयारियाँ हो रही थीं। खबर थी यहाँ एक सेठ जी संगमरमर का सतखण्डा महल बनवाएँगे। लाखों रुपये खर्च होंगे। पूरा होने पर उस जैसी शानदार हवेली शहर में दूसरी कोई नहीं होगी। पूरे शहर में इस बात की चर्चा होने लगी।
Read More »तीर्थ का अर्थ
मां बाहर दरवाजे पर खड़ी हुई उसकी राह देख रही थी अंदर आकर हाथ मुंह धोकर दोनों ने भोजन किया तो मां ने उसे प्रसाद देते हुए कहा आज गली के मोड़ वाली सुमन भी वैष्णो देवी मंदिर दर्शन कर आई बस एक में ही हूं जो कोई तीर्थ .....
Read More »लंदन तक तखत हिला
मैंने ब्रिटिश राज में अपने लोगों को मरते-कटते देखा है। मुझे इस मृत्यु से डर नहीं लग रहा। मैं अपनी जन्मभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए मर रहा हूँ, इससे बड़ा सम्मान मेरे लिए क्या हो सकता है"
Read More »मीनाकुमारी भूत-प्रेतों पर भी विश्वास
अकेली थी। पूरी तरह से असहाय महसूस करते हुए, मैं भविष्य के बारे में सोच भी नहीं सकती थी जब मैंने एक सरसराहट की आवाज़ सुनी और अपने माथे पर एक हाथ महसूस किया। तभी एक धीमी आवाज़ ने मुझसे कहा: " हिम्मत रखो, डरो मत.'' मैं उठकर पापा के पास भागी
Read More »ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे
ताऊजी, हमें लेलगाड़ी (रेलगाड़ी) ला दोगे? कहता हुआ एक पंचवर्षीय बालक बाबू रामजीदास की ओर दौड़ा।बाबू साहब ने दोंनो बाँहें फैलाकर कहा
Read More »गरीब का कोई रिश्तेदार नहीं होता
कपड़े में मैल लगा हुआ था मगर निहायत साफ, उसके नन्हे नन्हे से गाल आँसूओं से भीग चुके थे बहुत लोग उसकी तरफ आकर्षित थे और वह बिल्कुल अनजान अपने भगवान से बातों में लगा हुआ था
Read More »श्री वृंदावन धाम का नज़ारा
जहां हर बच्चा राधा कृष्ण जी का स्वरुप है , जहां पढाई का पहला अक्षर भगवान् श्री हरी जी के नाम से है | यमुना जी का कल कल करता पानी, फल से लदे वृक्ष, फूलों के झुण्ड, भवरों की गुंजन, हरी नाम की रास लीलाओं के गान
Read More »निर्णय ले लिया
पति की कमाई सीमित होने के कारण वह स्वयं पूरा दिन सिलाई करके बच्चों की जरूरतों को पूरा करती थी।
Read More »मौन पर बुद्ध कहानी
आश्रम के सभी बच्चे जब दूसरे कामों में लगे होते थे तो एक बच्चा एक कोने में बैठा चुपचाप अपने आप में खोया रहता था। वो अक्सर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। आश्रम की सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद जहाँ सभी बच्चे पूरे दिन की घटनाओं की चर्चा करने लगते हैं, वही पर वो शांत रहने वाला …
Read More »