तभी उसका सहायक अंदर आया और उसे एक छोटा सा कागज दिया, वकील ने इसे पढ़ा और अपनी जेब के अंदर रखा और अपनी बहस जारी रखी...,,लंच ब्रेक के दौरान,
Read More »strory
माँ कभी वापिस नहीं आती है।
मम्मा को दिखा दो, मम्मा को देख लूँ, मम्मा कहाँ गयी ?... उम्र - चार साल* -- मम्मी कहाँ हो ? मैं स्कूल जाऊँ ? अच्छा bye मुझे आपकी याद आती है स्कूल में..
Read More »पंकज त्रिपाठी उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी
अभिनेता पंकज त्रिपाठी की ज़िन्दगी भी इस कहावत से अलग नहीं है। लोग छोटे से शहर से निकलकर मुंबई की मायानगरी में आते हैं,सालों-साल संघर्ष करते हैं,
Read More »कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली
बचपन से लेकर आज तक हजारों बार इस कहावत को सुना था कि "कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली"। आमतौर पर यह ही पढ़ाया और बताया जाता था कि इस कहावत का अर्थ अमीर और गरीब के बीच तुलना करने के लिए है
Read More »पवित्र भावना का प्रतिफल
सुरेश जी ने दूसरी शादी की तो सुरेखा को लगा कि उसे माँ मिल जाएगी। सुरेखा ने अपनी माँ की तरह ही चाहा राधा माँ को।
Read More »आप भी डायन
ग्यारह बजने को आए ... जाने कब दोपहर का खाना चढाऐगी चूल्हे पर .... और जाने कब खाने को मिलेगा
Read More »तक़दीर और तदबीर
जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती
Read More »कर्ज वाली लक्ष्मी
एक 15 साल का भाई अपने पापा से कहा पापा पापा दीदी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है अभी जीजाजी ने फोन पर बताया। दीदी मतलब उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी। दीनदयाल जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे से बोले..
Read More »पूरी बात
दोपहर हो गई। त्योहार निकट थी। दुकानों पर नाना प्रकार की मिठाइयाँ और चीनी के खिलौने सजे थे। एक हलवाई ने चीनी से आदमी की आकृति बना रखे थे
Read More »एक आँख से देखना
बचपन से ही भाइयों की बजाय मुझे अपने माता पिता का अधिक प्यार ,अधिक मान और प्रशंसा प्राप्त होती थी। हालाँकि भाई भी मुझसे स्नेह करते किन्तु फिर भी मम्मी पापा का मेरे प्रति विशेष स्नेह उन्हें खटकता था
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