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चिंताएं बाहर ही टाँग आएँ

सरला नाम की एक महिला थी । रोज वह और उसके पति सुबह ही काम पर निकल जाते थे ।दिन भर पति ऑफिस में अपना टारगेट पूरा करने की ‘डेडलाइन’ से जूझते हुए साथियों की होड़ का सामना करता था। बॉस से कभी प्रशंसा तो मिली नहीं और तीखी-कटीली आलोचना चुपचाप सहता रहता था ।पत्नी सरला भी एक प्रावेट कम्पनी …

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महात्मा बुद्घ का सत्संग

एक बार किसी गांव में महात्मा बुद्घ का सत्संग हुआ। सब इस होड़ में लग गए कि क्या भेंट करें?सुदास नाम का एक मोची था। उसने देखा कि मेरे घर के बाहर के तालाब में एक कमल खिला है। उसकी इच्छा हुई कि आज नगर में महात्मा बुद्घ आए हैं। सब लोग तो उधर ही गए हैं, तो आज यह …

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” बढ़ी हुई दाढ़ी.. “

बढ़ी औऱ बेतरतीब दाढ़ी वाले किसी व्यक्ति को देख कर यह अन्दाज़ा लगाना बहुत ग़लत नहीं है कि अगर वह व्यक्ति बहुत ग़रीब नहीं है तो फ़िर वह ख़ुद के प्रति लापरवाह है या अच्छा दिखने में इसकी क़ोई रुचि नहीं है ।लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो ऐसे व्यक्ति के बारे में राय थोड़ी कम नकारात्मक बनेगी ।उनका कहना है …

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यमराज और डाकू

एक साधु व डाकू यमलोक पहुंचे। डाकू ने यमराज से दंड मांगा और साधु ने स्वर्ग की सुख-सुविधाएं। यमराज ने डाकू को साधु की सेवा करने का दंड दिया। साधु तैयार नहीं हुआ। यम ने साधु से कहा- तुम्हारा तप अभी अधूरा है।मृत्यु के बाद एक साधु और एक डाकू साथ-साथ यमराज के दरबार में पहुंचे। यमराज ने अपने बहीखातों …

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माता पिता के चरणों में स्वर्ग है

आजकल के लड़के नौकरी लगने के तुरंत बाद शादी करके दुलहन को सीधे नौकरी पर ले जाते हैं तथा सारा पढ़ाई का कर्ज , खेती का काम सब झंझट माता पिता के पास छोड़ जाते हैं ।वो सबसे पहले शहर में प्लाट लेने की सोचते हैं तथा माता पिता की ओर कम ध्यान देते हैं जो बहुत दुखदाई है ।फेसबुक …

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बासी भोजन का रहस्य

बासी भोजन का रहस्यशहर से दूर प्रकृति की गोद में एक महात्मा का आश्रम था। महात्मा वहां अपने शिष्यों को उनके रुचि के स्तर से शिक्षा दिया करते थे। उनकी शिक्षा से सभी लोग प्रसन्न रहते थे। महात्मा की ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी , लोग उनसे शास्त्रार्थ करने और उनके प्रवचन सुनने कई दिनों का मार्ग तय करके …

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मासूम बचपन

मासूम बचपनमेरी पोती अपने होने वाले भाई या बहन का बेसब्री से इंतजार कर रही थी, रोज़ मुझसे पूछती…. दादी, छोटू बेबी कब आएगा…. और मैं उससे कहती, जब हम हॉस्पिटल जाएंगे जब, तब वो पूछती…..”. क्या मिलेगा भैया या बहनियां.”….. तब मैं उससे कहती..” भगवान हॉस्पिटल में डॉक्टर आंटी को बेबी दे जाएंगे और वो हमें देंगी तब पता …

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और जिंदगी चल पड़ी…….।

और जिंदगी चल पड़ी…….।समीर को अपने ऑफिस में काम करते हुए लगभग पंद्रह साल हो चुके थे।एक ही तरह की उबाऊ ज़िंदगी से वह तंग आ चुका था। हर दिन कंपनी के नए टारगेट और डेडलाइंस, अपने सीनियर्स से बात बेबात बेइज्जत होना,कलीग्स का एक दूसरे की टांग खींचना और बेहतरीन काम करने पर भी प्रोमोशन को भीख की तरह …

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सफल राष्ट्रपति लिंकन की विनम्रता

विनम्रता का परिचयलोकतंत्र के महान समर्थक अब्राहम लिंकन एक बार अपने गांव के नजदीक एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। भाषण के बीच एक महिला खड़ी होकर बोली – ‘अरे, यह राष्ट्रपति है? यह तो हमारे गांव के मोची का लड़का है।’अपने प्रति ये अपमानजनक शब्द सुनकर लिंकन ने बड़े ही विनम्र शब्दों में उस महिला से कहा, ‘मैडम! …

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हर समाज के लिए विचारणीय

(1) आज काफी लड़कियों के माँ- बाप अपनी बेटियों की शादी में बहुत विलंब कर रहे हैं उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नहीं आते और जो बड़े घर पसंद आते हैं उनको लड़की पसंद नहीं आती,शादी की सही उम्र 20 से 25 होती है। आज माँ-बाप ने और अच्छा करते-करते उम्र 30 से 36 कर दी है,जिससे उनकी बेटियों …

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