मै अपनी कार से जा रहा था, रोड पर भीड़ बहुत थी, मेरी कार के आगे एक कार बहुत धीरे चल रही थी… मैंने खीझते हुए हॉर्न बजाए…. मन ही मन कार वाले को कहा चलाना नही आता तो क्यो गाड़ी ले आये…..तभी कार पर लगा स्टीकर देखा जिसपर लिखा था कि Physically challenged please be patient “कार में दिव्यांग …
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भीमा नायक
भीमा नायक मध्य प्रदेश के स्वतंत्रता आंदोलन कारियों मैं जिन नायकों का नाम लिया जाता है उनमें से एक भीमा नायक हैं जिन का स्वतंत्रता के लिए विशेष स्थान है। भीमा नायक का संबंध भील जनजाति से है जिनका जन्म मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के पंच मोहाली नामक गांव में हुआ था और इनका जन्म वर्ष 1840 में हुआ bhima …
Read More »लोग कैसे मानेंगे कि हमारी वैदिक संस्कृति महान है ?
• जब हम आयुर्वेद की चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, वागभट्ट मुनिकृत अष्टांगहृदयम् आदि ग्रन्थों से सर्जरी चिकित्सा आदि प्रक्रीयाओं का उद्धार करेंगे और समाज में पुनः प्रतिष्ठित करेंगे तब लोग मानेंगे कि वैदिक सभ्यता महान है । • जब हम परशुराम, शिव, नकुल, इन्द्र आदि के धनुर्वेद में से प्रचीन परमाणु शस्त्रों अस्त्रों को पुनः प्रकाशित करके समाज के सामने …
Read More »तोसिको बोस TOSIKO BOSS
तोसिको बोस का नाम भारतीय क्रान्तिकारी इतिहास में अल्पज्ञात है। अपनी जन्मभूमि जापान में वे केवल 28 वर्ष तक ही जीवित रहीं. फिर भी सावित्री तुल्य नारी का भारतीय स्वाधीनता संग्राम को आगे बढ़ाने में अनुपम योगदान रहा। रासबिहारी बोस महान क्रान्तिकारी थे। 23 दिसम्बर, 1912 को दिल्ली में तत्कालीन वायसराय के जुलूस पर बम फैंक कर उसे यमलोक पहुंचाने …
Read More »अद्भुत ज्ञानी और चमत्कारिक मसीहा है
एक जंगल मे एक पेड़ पर उल्लू रहता था। अंधेरी रात में जब वो ऊपर बैठा था तो पेड़ के पास दो छछुंदर निकले। इधर-उधर उन्होंने देखा कि कोई देख तो नहीं रहा है। तभी ऊपर से उल्लू बोल पड़ा – हू !! छछुंदर घबराए और एक ने दूसरे को बोला कि हू मतलब आप कौन! कान खड़े हो गए। …
Read More »“राजपूतों के जनहित कार्य”
1868 ई. में भीषण अकाल पड़ा, तब मेवाड़ के महाराणा शम्भूसिंह ने उस ज़माने के लाखों रुपए खर्च करके बाहर से अनाज मंगवाया। इस अकाल में 11 लाख 63 हज़ार लोगों को उदयपुर में भोजन करवाया गया।अकाल के वक्त हैजा की बीमारी भी फैलने लगी, जिसके बाद कई लोग मरने लगे। उदयपुर में एकमात्र पिछोला झील में थोड़ा पानी शेष …
Read More »अकबर बीरबल की कहानी: धोखेबाज काजी!!
एक बार की बात है, मुगल दरबार में बादशाह अकबर अपने दरबारियों के साथ किसी मुद्दे पर चर्चा कर रहे थे। उसी समय वहां एक किसान अपनी फरियाद लेकर आया और बोला, “महाराज न्याय करो। मुझे इंंसाफ चाहिए।” यह सुनकर बादशाह अकबर बाेले कि क्या हुआ। किसान बोला, “महाराज मैं एक गरीब किसान हूं। कुछ समय पहले मेरी पत्नी का …
Read More »बीरबल की चित्रकारी!!
बादशाह अकबर अक्सर अपने दरबारियों से कुछ अजीबोगरीब काम करने कहते रहते थे और न कर पाने पर बहुत नाराज़ हुआ करते थे. एक दिन भरे दरबार में उन्होंने बीरबल से कहा, “बीरबल! मैं चाहता हूँ कि तुम अपने कल्पनाशक्ति का इस्तेमाल कर एक ऐसा चित्र बनाओ, जिसे देखकर मैं ख़ुश हो जाऊं.” बीरबल को चित्रकारी नहीं आती थी. वह …
Read More »सवालों का सीधा-सीधा जवाब – अकबर और बीरबल की कहानियाँ !!
एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’‘‘बाग में।’’ बीरबल बोला।वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’ ‘‘अपने घर में।’’ बीरबल ने उत्तर दिया।हैरान-परेशान आदमी ने फिर …
Read More »अकबर-बीरबल की कहानी : ऊंट की गर्दन !!
बीरबल की सूझबूझ और हाजिर जवाबी से बादशाह अकबर बहुत रहते थे। बीरबल किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते थे। एक दिन बीरबल की चतुराई से खुश होकर बादशाह अकबर ने उन्हें इनाम देने की घोषणा कर दी। काफी समय बीत गया और बादशाह इस घोषणा के बारे में भूल गए। उधर बीरबल इनाम के इंतजार में …
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