एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया। माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ।
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सीता के स्वयंवर के रहस्य का खुलासा
क्या आप जानते हैं कि राजा जनक ने सीता के स्वयंवर के लिए अयोध्या में निमंत्रण क्यों नहीं भेजा?जो कुछ संतो के मुँह से सुना है, वह आपको बता....
Read More »पूज्य श्री गोस्वामी तुलसीदास
1966 में हनुमान गढ़ी में लिखी गईं श्री हनुमान चालीसा जो की शुद्ध रूप से वैसी ही है जैसी पूज्य गुरुदेव ने संपादित की है… पूज्य गुरुदेव की ये..
Read More »जगन्नाथ मन्दिर
उड़ीसा में बैंगन बेचनेवाले की एक बालिका थी | दुनिया की दृष्टि से उसमें कोई अच्छाई नहीं थी | न धन था, न रूप |किन्तु दुनिया की दृष्टिसे नगण्य...
Read More »हमारे त्यौहारो की वैज्ञानिकता को समझें
एक बूढ़ी माता मंदिर के सामने भीख माँगती थी। एक संत ने पूछा -- आपका बेटा लायक है, फिर यहाँ क्यों ??बूढ़ी माता बोली - बाबा, मेरे पति का......
Read More »दरिद्रता
श्रीकृष्ण को श्राप से बचाने के लिए सुदामा ने उम्रभर की दरिद्रता स्वीकार की। एक ब्राह्मणी की कहानी, जिसने नाम लेकर भगवान का भोग समर्पित करने..
Read More »श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी
ये वो हनुमान थे जिसने कलयुग में सनातन धर्म की जड़ो को फिर से सींचने का काम किया।स्व. श्री हनुमान प्रसाद पौद्दार जी जिन्होंने गीता_प्रेस.....
Read More »सदैव सकारात्मक रहें
महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें.......
Read More »एक अद्धभुत प्रसंग
एक बार शरद पूर्णिमा की शरत-उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर साक्षात मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक..
Read More »दुष्ट लोग इतने सुखी
कथा लंबी हैं किंतु ज्ञान के चक्षु खुल जाएंगे आपके।पापी मौज में, पुण्यात्मा कष्ट में. ये कैसा न्याय! ईश्वर हैं भी या नहीं! स्कन्द पुराण की....
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