पति की कमाई सीमित होने के कारण वह स्वयं पूरा दिन सिलाई करके बच्चों की जरूरतों को पूरा करती थी।
Read More »wish4me
एक नजर से देखना
दीपिका विवाह के समय एक प्राइवेट कंपनी में काम करती थी, दीपिका की सास ने विवाह के समय स्पष्ट कह दिया था कि वह घर की सभी जिम्मेदारियों को निभाते हुए नौकरी कर सकती है।
Read More »सोनी सुबह से काम में लगी हुई है
अपनी तरफ से कुछ देना चाहती थी पर क्या दे!फिर कुछ सोच कर पंसारी की दुकान पर पहुँच गयी... "काका, वो बड़ा वाला हार्लिक्स का डब्बा देना.... ये लो बिटिया.....अरे रुपया रहने दे हम बड़े भइया से ले लेंगे..
Read More »संतुष्टि
लगभग सभी पसीने से लथपथ हो रहें थे मगर उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी हंसते मुस्कुराते हुए वह टाइल्स बिछाने में लगे हुए थे
Read More »मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी
मन पर नियंत्रण पर बौद्ध कहानी मन में उठ रहे सवालों को कैसे शांत करें, बेचैनी को कैसे शांत करें। इस कहानी में मैं आपको चार ऐसी आदतों के बारे में बताने वाला हूं जिसे आप अपने जीवन में अपनाकर एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं और अच्छे कामों में अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अगर आप इस कहानी …
Read More »मौन पर बुद्ध कहानी
आश्रम के सभी बच्चे जब दूसरे कामों में लगे होते थे तो एक बच्चा एक कोने में बैठा चुपचाप अपने आप में खोया रहता था। वो अक्सर किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। आश्रम की सभी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद जहाँ सभी बच्चे पूरे दिन की घटनाओं की चर्चा करने लगते हैं, वही पर वो शांत रहने वाला …
Read More »AM और PM का उद्गगम भारत में
क्या आप जानते हैं की समयसूचक AM और PM का उद्गगम भारत में ही हुआ था …?? लेकिन हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है : AM : Ante Meridian PM : Post Meridian एंटे यानि पहले, लेकिन किसके? पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके? यह कभी …
Read More »अधूरे प्यार की एक अधूरी कहानी
प्यार वो एहसास है, जो हर किसी को नहीं होता। प्यार वो महसूस है। जिसके अंदर खो जाने का दिल करता है। यही एक एहसास मैं आपको बताना चाहता हूँ। शाम का समय था। मैं अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था। स्टेशन के बाहर। हमलोग का बाहर कही घूमने जाने का प्लान था और मैं जल्दी पहुँच गया था। …
Read More »बचपन की यादें
एक शहर की एक गली में एक पुराना मकान था। उसमें एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था। उसका न कोई रिश्तेदार था न कोई दोस्त। वह हमेशा अकेला रहता था। इस पुराने मकान के ठीक सामने एक छोटा-सा घर था।उस घर में एक छोटा बच्चा रोहित, अपने माता-पिता के साथ रहता था। बूढ़े व्यक्ति को बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वह …
Read More »मेरे बचपन की कहानी
मेरे बचपन के वक़्त तो मुर्गों की बांग नींद से जगाती थी, कभी बाबा के तानें , तो कभी मम्मी का प्यार , बिस्तर छुड़वाती थी।सूरज के जगने से पहले ही , दिन शुरू हो जाता था । हर कोई अपने काम को लेकर , काम में लग जाता था ।नहा धोकर स्कूल जाने को सब तैयार होते थे, जिनको …
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