एक आदत सी हो गयी थी , कॉलोनी के शिव मंदिर के दर्शन के बाद ही कहीं बाहर जाती थी मैं , और… उसी तरह मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए पास के माली के क्वार्टर की ओर देखना भी.. मेरी उसी आदत में शुमार था … क्योंकि वहाँ का दृश्य ही कुछ ऐसा था, जिसे देखने के लिए मेरे कदम …
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श्री कृष्ण की मृत्यु का कारण
अपने पिता को यदुवंशियों के विनाश की सूचना देकर कृष्ण वन में अपने भाई बलराम के पास वापस लौट आये थे। यदुकुल की स्त्रियों की रक्षा का भार उन्होंने अपने सारथी बाहुक के माध्यम से अर्जुन पर छोड़ दिया था।अब इस धरा पर वे बस अपने भाई के साथ कुछ क्षण व्यतीत करना चाहते थे।बलराम एक वृक्ष के नीचे निश्चेष्ट …
Read More »बोलती आंखें
पिता के लाख समझाने पर भी रंजन समझने को तैयार नहीं था ।’ बेटा! प्रद्युम्न ईमानदार है ,वह तुम्हारा पाई -पाई चूका देगा। मैं उसे बचपन से जानता हूं।’लड़की की शादी के बाद हाथ तंग हो हीं जाता है। इतना तैश में आकर चाचा का इज्ज़त लेना ठीक नहीं है। आखिरकार वह तुम्हारा अपना चाचा है। कोई ग़ैर नहीं। शालू …
Read More »अहंकार छोड़िये और सीखना शुरू कीजिए
धरती पर जन्म लेने के साथ ही सीखने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है ज्यों हम बड़े होते जाते हैं, सीखने की प्रक्रिया भी विस्तार लेती जाती है, जल्द ही हम उठना, बैठना, बोलना, चलना सीख लेते हैं। इस बड़े होने की प्रक्रिया के साथ ही कभी-कभी हमारा अहंकार हमसे अधिक बड़ा हो जाता है और तब हम सीखना छोड़कर …
Read More »ज्ञानी पुरुष और निंदा
एक व्यापारी एक नया व्यवसाय शुरू करने जा रहा था लेकिन आर्थिक रूप से मजबूत ना होने के कारण उसे एक हिस्सेदार की जरुरत थी| कुछ ही दिनों में उसे एक अनजान आदमी मिला और वह हिस्स्सेदार बनने को तैयार हो गया| व्यापारी को उसके बारे में ज्यादा कुछ मालुम नहीं था| अत: पहले वह हिस्सेदार बनाने से डर रहा …
Read More »हमारी संस्कृति
आज जगन राय बहुत खुश थे और खुश क्यों ना हो आज उनकी प्यारी सी सुन्दर सी बिटिया पल्लवी का विवाह परम्परागत तरीके से उनके दोस्त राजनारायण के बेटे अपूर्व से होना था । वह बहुत समय पहले विदेश में बस गये थे पर रहने वाले राजस्थान के एक छोटे से कस्बे के । बिटिया भी विदेश में ही पली …
Read More »अद्भुत बाल लीला…
एक बार जब मेरे प्रभु लीला कर रहे तो ब्रम्हा , इंद्र , शिव , ये सब देवता ठाकुर जी के निकट आए और इन्होंने क्या देखा की ठाकुर जी अपने पीछे कुछ छुपा रहे है तब देवता बोले की प्यारे आप क्या छुपा रहे हो ? तो भगवान चुपचाप खड़े है , हाथ में एक पात्र रखा है और …
Read More »शांतिभोज
“अम्मा, आज तो मज़ा आ गया। खूब छक कर खीर पूड़ी और रसगुल्ले खाने को मिले।”पड़ोस में रहने वाले सेठ बनवारीलाल जी का पिछले दिनों देहांत हो गया था। आज शान्ति भोज में अगल-बगल की झोपड़पट्टी के लोगों को निमंत्रण मिला था। गोलू अपनी माॅं के साथ आया था। वो अचानक बोल पड़ा,“अम्मा, दद्दा और बाबू को भी बुला लो। …
Read More »श्री लक्ष्मी
इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है-एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी पर विचर रहे थे। घूमत-घूमते वे एक मनोहर वन में गए। वहाँ एक विद्याधर सुंदरी हाथ में पारिजात पुष्पों की माला लिए खड़ी थी, वह …
Read More »सास बहु और कामवाली
मां ये क्या हैं …. तुम हमेशा अपनी मेड के लिए ये साड़ियां वगैरह खरीदते रहती हो वो भी मंहगी से मंहगी कल भी खरीदी थी बीना बता रही थी मां जो कीमती साड़ियां तुम्हारी बहु पर शूट करती है वैसी अगर तुम अपने घर की नौकरानी के लिए आखिर चाहती क्या हो क्यों तुलना करने में लगी हो क्या …
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