तू ही राम है, तू रहीम है ,तू करीम कृष्ण खुदा हुआ ॥तू ही राम है तू रहीम हैं ,तू करीम कृष्ण खुदा हुआ ॥तू ही वाहे गुरु तू यशु मसीह ,हर नाम में तू समा रहा ॥तू ही राम है, तू रहीम है , तेरी जात पाक कुरान में ॥तेरा दरश वेद पुराण में ,तेरी जात पाक कुरान में …
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दयालु नाम है तेरा…
दयालु नाम है तेरा प्रभु हम पर दया कीजे ,हरि सब तुमको कहते हैं हमारा दुःख हर लीजे ॥दयालु नाम है तेरा प्रभु हम पर दया कीजे , विषय और भोग में निशिदिन फँसा रहता है मन मूरख ॥इसे अब ज्ञान देकर सत्य मारग पर लगा दीजे ,दयालु नाम है तेरा प्रभु हम पर दया कीजे ॥ तुम्हारी भूल कर …
Read More »हमारी मुट्ठी में आकाश सारा…
हमारी ही मुद्ठी में आकाश सारा ,जब भी खुलेगी चमकेगा तारा ॥कभी न ढले जो, वो ही सितारा ,दिशा जिससे पहचाने संसार सारा ॥ हथेली पे रेखाएँ हैं सब अधूरी ,किसने लिखी हैं, नहीं जानना है ॥सुलझाने उनको, ना आएगा कोई, समझना है ,उनको ये अपना करम है ॥अपने करम से दिखाना है सबको ,खुदका पनपना, उभरना है खुदको ॥अँधेरा …
Read More »लब पे आती है दुआ बनके बनके तमन्ना मेरी
लब पर आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी,ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी। हो मेरे दम से यूँ ही मेरे वतन की ज़ीनत,जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत।ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब,इल्म की शमा से हो मुझको मोहब्बत या रब। हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना,दर्द-मंदों से। ज़ईफ़ों से। मोहब्बत करना।मेरे अल्लाह …
Read More »ऐ मालिक तेरे बन्दे हम
ऐ मालिक तेरे बन्दे हमऐसे हों हमारे करमनेकी पर चलें और बदी से टलेंताकि हंसते हुए निकले दम… ये अँधेरा घना छा रहा तेरा इंसान घबरा रहाहो रहा बेखबर, कुछ न आता नज़रसुख का सूरज छुपा जा रहाहै तेरी रौशनी में जो दमतू अमावास को कर दे पूनमनेकी पर चलें और बदी से टलेंताकि हंसते हुए निकले दम,ऐ मालिक तेरे …
Read More »इतनी शक्ति हमें देना दाता
इतनी शक्ति हमें देना दाता,मनका विश्वास कमज़ोर हो ना…हम चलें नेक रास्ते पे हमसे,भूलकर भी कोई भूल हो ना…हर तरफ़ ज़ुल्म है बेबसी है,सहमा-सहमा-सा हर आदमी है |पाप का बोझ बढ़ता ही जाये,जाने कैसे ये धरती थमी है |बोझ ममता का तू ये उठा ले,तेरी रचना का ये अन्त हो ना…हम चलें नेक…………दूर अज्ञान के हो अन्धेरे,तू हमें ज्ञान की …
Read More »वीणा वादिनी वर दे
वर दे, वीणावादिनि वर दे।प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नवभारत में भर दे।वीणावादिनि वर दे। काट अंध उर के बंधन स्तरबहा जननि ज्योतिर्मय निर्झरकलुष भेद तम हर प्रकाश भरजगमग जग कर दे।वर दे , वीणावादिनि वर दे। नव गति, नव लय, ताल छंद नवनवल कंठ, नव जलद मन्द्र रवनव नभ के नव विहग वृंद को,नव पर नव स्वर दे।वर दे, …
Read More »दया कर दान भक्ति…
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना ,दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना ॥दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना ,हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ ॥अँधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना ,दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना ॥ हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा ,सदा ईमान …
Read More »माँ शारदे कहाँ तू…
माँ शारदे कहाँ तू ,वीणा बजा रही हैं ॥किस मंजु ज्ञान से तू ,जग को लुभा रही हैं ॥ किस भाव में भवानी ,तू मग्न हो रही है ॥विनती नहीं हमारी ,क्यों माँ तू सुन रही है ॥ ..x2हम दीन बाल कब से ,विनती सुना रहें हैं ॥चरणों में तेरे माता ,हम सर झुका रहे हैं ॥हम सर झुका रहे …
Read More »हम को मन की शक्ति देना…
हम को मन की शक्ति देगा, मन विजय करें ,दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें ॥ भेदभाव अपने दिल से साफ कर सकें ,दोस्तों से भूल हो तो माफ कर सकें ॥झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें ,दूसरों की जय से पहले खुद को जय करें ॥ मुश्किलें पड़ें तो हम पे इतना कर्म कर …
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