एक दिलचस्प कहानी जो जीवन के चुनौतियों, व्यक्तिगत कठिनाइयों और आत्म-परिश्रम की दुनिया को खोलती है। जहां जीवन के चुनौतीभरे पथों पर असली......
Read More »wish4me
अकड़ता का परिणाम
दीपेश एक राजपत्रित अधिकारी का इकलौता बेटा था... नौकर चाकर ,गाड़ी ,बंगला सभी सुविधाएं प्राप्त थीं ...दीपेश के पिता एक ईमानदार, सरल हृदय अधिकारी थे...इसके विपरीत दीपेश एक घमंडी इंसान था जो अपने पिता के पद के घमंड में रहता था। वह किसी से सीधे मुंह बात नहीं करता था
Read More »चतुर चालाक कुटिल
चतुर,चालाक, कुटिल,फरेबी इंसान को साधारण बुद्धि वाले स्त्री पुरूष नहीं समझ सकते और उनकी बातों में आ जाते हैं!
Read More »बैसाखी बीमा की
अनवरत प्रयास के बाद भी प्रीति के मानष पटल से वह घटना हट नहीं पा रही थी, जब उसका जीवन साथी पीयूष, दो अबोध बच्चों का लालन-पालन तथा दो वृद्ध जन अर्थात माँ-पिताजी की सेवा-शुश्रूषा, देखभाल की जिम्मेदारी छोड़, परमात्मा के चरण शरण को चला गया। यूँ तो पिछले चार-पाँच माह से पीयूष रोगग्रस्त था पर प्रीति के मन में …
Read More »अनुशासन
इस दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी में, एक साहसी महिला ने अपने कॉलेज में बदलाव लाने के लिए उत्साह से काम किया। उनकी कड़क और हँसमुख स्वभाव ने उन्हें सबके बीच लोकप्रिय बना दिया और उन्होंने अपनी शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व का प्रदर्शन किया।
Read More »वो मनहूस लड़की
एक अद्भुत और प्रेरणादायक कहानी, जिसमें एक साहसी और प्रतिभाशाली युवती का सफर है जो अपने रूप और सौंदर्य के लिए समाज की निराशा का सामना करती है, लेकिन उसने सभी संघर्षों को पार किया।
Read More »सत्य घटना पर आधारित
आज भी हमारे देश के कई हिस्सों मे बाल विवाह का जोर सोर से प्रचलन है। कोख मे बेटी हत्या बहू हत्या दहेज प्रचलन जोर शोर से है । मगर इस खास मुद्दों पर कोई आवाज नहीं उठाता मगर आरक्षण के सबको चाहिए।
Read More »अनजाने नंबर, अच्छाई की दिशा: एक नैतिक कहानी
एक बार में ट्रैन से सफर कर रहे थे मुझे टॉयलेट जाना था तो में गया भी, ज़ब में टॉयलेट के अंदर गए तो मुझे वहाँ कुछ नम्बर लिखें हुए मिला मैंने..
Read More »कृष्णा और सुदामा का मिलन
तीनो लोको के स्वामी सुधबुद्ध खोकर दौड़े चले जा रहे थे, पीछे पीछे रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा, सत्या, लक्ष्मणा और भद्रा भी पागल सी दौड़ रही है, ये कौन आ गया जिसके लिए प्रभु श्री कृष्ण दौड़ रहे है | मंत्री, सेनापति, द्वारपाल सब जड़ होकर खड़े है, ऊपर ब्रह्मा जी , कैलाशपति, बृहस्पति, देवराज इंद्र, सूर्य, चन्द्र, यम,शनि …
Read More »जिन्दगी की तलाश में हम
कालिंदी बेचारी ज्यादा पढ़ी लिखी तो नही थी पर !!! उस बेचारी ने बहुत कोशिश की थी कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर उसका और उसके कुल खानदान का नाम बढ़ाएं…कालिंदी का पति बेचारा श्याम बिल्कुल “” श्याम “” जैसा ही सीधा और भोला था…उसे दुनिया की चालाकियां और चतुराई न समझ में आती थी और ना ही वह वैसा बनना …
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