राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एक बार ओडिशा दौरे पर थे। इस दौरान प्रार्थना सभा में कुछ लोग कुछ-न-कुछ भेंट जरूर करते थे। जिन्हें बापू सभा समाप्ति के बाद नीलाम कर देते थे।
कटक महासभा के दौरान एक कुम्हार ने बापू को श्रीकृष्ण की दो मूर्तियां भेंट कीं। सभा के अंत में जब बापू उन्हें नीलाम करने के लिए खड़े हुए तो सभा में उपस्थित सेठ भागीरथ कनोड़िया हंसकर बोले, बापू आपने तो भगवान को भी नहीं बख्शा। उनकी भी नीलामी कर रहे हैं?
तब महात्मा गांधी ने कहा, अरे भाई ये तो पहले से ही बिकते आ रहे हैं। बस इन्हें कोई बेचने वाला और खरीदने वाला चाहिए। क्या तुमने मीरा का यह पद नहीं सुना, माईं री मैंने गोविंद लीनो मोल। कोई कहे महंगो, कोई कहे सस्तो, मैंने लियो तराजू तोल। यह बात सुनकर सभी आश्चर्य चकित हो गए और वो मूर्तियां काफी महंगी बिकीं।
Hindi to English
The MaFather of the nation mathatma Gandhi was once visiting Odisha. During this time some people had some gifts in the prayer meeting. Those whom Bapu used to auctioned after the conclusion of the assembly.
During the Katak Mahasabha, a potter presented two sculptures of Lord Krishna to Bapu. At the end of the meeting when Bapu stood up for auctioning him, Seth Bhagirath Kanodarya in the assembly laughed and said, Bapu did not spare God too. Are they also auctions?
Then Mahatma Gandhi said, ‘Hey brothers, they are already selling. Just want them to be a seller and buyer. Did not you hear this verse of Meera, I am sorry I have Govind Lino Mole Some say, dear, somebody said, I measured Leo scales. All the surprises were astonished by hearing this and these sculptures sold very expensive.