हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
प्रेम के सिन्धु, दीन के बन्धु ,
दु:ख दारिद्र विनाशन हे ॥
हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
नित्य अखंड अनंन्त अनादि ,
पूरण ब्रह्म सनातन हे ॥
हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
जग आश्रय जग-पति जग-वन्दन ,
अनुपम अलख निरंजन हे ॥
हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
प्राण सखा त्रिभुवन प्रति-पालक ,
जीवन के अवलंबन हे ॥
हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
हे जग त्राता विश्व विधाता ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥
हे सुख शांति निकेतन हे ,
हे सुख शांति निकेतन हे ॥