माँ शारदे कहाँ तू ,वीणा बजा रही हैं ॥किस मंजु ज्ञान से तू ,जग को लुभा रही हैं ॥ किस भाव में भवानी ,तू मग्न हो रही है ॥विनती नहीं हमारी ,क्यों माँ तू सुन रही है ॥ ..x2हम दीन बाल कब से ,विनती सुना रहें हैं ॥चरणों में तेरे माता ,हम सर झुका रहे हैं ॥हम सर झुका रहे …
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