माँ सरस्वती के चरणों में हम अपना शीष झुकाते हैं ,सौगन्ध, शपथ लेकर हम सब अपना निश्चय दुहराते हैं ॥ शिक्षा मानव की पूँजी है, व्यक्तित्व इसी से बनता है ,विद्या मन्दिर में आकर हम सब जीवन सफल बनाते हैं ॥ माँ-बाप, सखा परिवार सभी , संसार चक्र के पोषक हैं ,हम बालक नत-मस्तक होकर उनका अहसान जताते हैं॥ माँ …
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