एक बार गौतम बुद्ध जंगल में आम के पेड़ के नीचे ध्यान मग्न थे। वहां खेल रहे कुछ बच्चों ने पेड़ से आम तोड़ने के लिए पत्थर फेंका, पत्थर तथागत यानी गौतम बुद्ध के सिर पर लग गया। उनके सिर से खून बहने लगा। यह सब कुछ देख बच्चे डर गए। उन्हें लगा कि अब ये मुनि उन्हें भला-बुरा कहेंगे। …
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तो इसलिए महामना प्रार्थना पत्र पर लिख देते थे क्षमा
बनारस कहें या काशी यहां के काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के कुछ ही समय बाद की बात है। कभी-कभी जब अध्यापक उद्दंड छात्रों को उनकी गलतियों के लिए आर्थिक दंड दे दिया करते थे। मगर छात्र दंड माफ कराने मदन मोहन मालवीय जी के पास पहुंच जाते और महामना माफ भी कर देते थे। यह बात शिक्षकों …
Read More »विद्वान ने बच्चों को इसलिए दिए थे चार रत्न
एक विद्वान ने मरते समय अपने बच्चों को बुलाया और कहा- मैं तुम्हें चार-चार रत्न देकर मरना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि तुम इन्हें संभालकर रखोगे और इन रत्नों से अपना जीवन सुखी बनाओगे। पहला रत्न मैं क्षमा का देता हूं- तुम्हारे प्रति कोई कुछ भी कहे, तुम उसे भुलाते रहो। कभी उसके प्रतिकार का विचार अपने मन में न …
Read More »हम कल के लिए आज नहीं सोचते
एक नगर में एक संपन्न सेठजी रहते थे। वह दिनभर खूब मेहनत से काम करते थे। एक दिन उन्हें न जाने क्या सूझा कि अपने मुनीम को बुलाकर कहा, ‘पता करो हमारे पास कितना धन है और कब तक के लिए पर्याप्त है?’ कुछ दिन बाद मुनीम हिसाब लेकर आया और सेठ जी से बोला, ‘जिस हिसाब से आज खर्चा …
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