शम्भू मेरे, शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे | अखियन मे आस लेके, दर्शन की प्यास लेके, आयीं हूँ मै द्वार तेरे || धूनी रमाये, समाधी लगाये गंगा किनारे बैठा है तू | भंग चड़ाए भसम लगाये मरघट पे लेता है तू | हो के मगन मै गाऊं गुण तेरे || तेरे चरण मे, तेरी शरण मे, आये है हम …
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अब सौंपा दिया इस जीवंका,
सब भार तुम्हारे हाथोमे (2) है जीत तुम्हारे हाथोमे, और हार तुम्हारे हाथोमे (2) मेरा निस्चे बस एक यही, इक बार तुम्हे पा जाो मे (2) अर्पण कार्दु दुनिया भारका, सब प्यार तुम्हारे हाथोमे (2) जो जगमे राहु तो ऐसे राहु, जो जलमे कमलका फूल रहे (2) मेरे सब गुणदोष समर्पित हो करतार तुम्हारे हाथोमे (2) यदि मानवका मूज़े जन्मा …
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