बेरोजगारी* काकारण क्या है नीचे पढ़िये*एक लड़का मेरे पास आया और बोला- भैया मैं बेरोजगार हूँ, कहीं नौकरी नहीं मिल रही है, बहुत परेशान हूँ। आप ही बताइये मोदी जी ने कहा था कि हर साल लाखों युवाओं को रोजगार दूँगा, सात साल होने को जा रहे है, कुछ भी नहीं मिला।*मैंने उससे कुछ प्रश्न पूछे और सारे प्रश्नों का …
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छोटी बुराई, बड़ी बुराई के लिए रास्ता खोलती है
नौशेरवां ईरान का बड़ी ही न्यायप्रिय बादशाह था। छोटी सी छोटी चीजों में भी न्याय की तुला उसके हाथ में रहती थी। सबसे अधिक ध्यान वह अपने आचरण पर रखता था। एक बार बादशाह जंगल की सैर करने गया। उसके साथ कुछ नौकर चाकर भी थे। घूमते-घूमते वह शहर से काफी दूर निकल आए। इस बीच बादशाह को भूख लगी। …
Read More »जब राष्ट्रपति की पत्नी से बात कर संपादक हुआ हैरान
अमेरिका में जब रुजवेल्ट, राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए तो उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति भवन (व्हाइट हाउस) को अपने पति की रुचि के अनुसार ही व्यवस्थित किया। जब वे कार्यालय को अच्छी तरह से व्यवस्थित कर चुकीं तो शासकीय कार्यों में भी उनकी पत्नी भी हाथ बंटाने लगीं। एक दिन अमेरिका के प्रसिद्ध समाचार पत्र के संपादक का फोन …
Read More »सचमुच! भक्त भी भगवान को देते हैं सीख
यह बात त्रेतायुग में उस समय की है जब केवट भगवान के चरण धो रहा हैं, वह भगवान राम का एक पैर धोते और उसे निकालकर कठौती से बाहर रख देते हैं। और जब दूसरा धोने लगता है तो पहला वाला पैर गीला होने से जमीन पर रखने से धूल भरा हो जाता है। केवट दूसरा पैर बाहर रखता है। …
Read More »राजा के कुत्ते को नदी में फेंककर सिखाया सबक
एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था। नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह असहज महसूस कर रहा था। वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था। मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी …
Read More »लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की विनोदप्रियता
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक धुन के पक्के थे। उनकी एक और विशेषता उनकी विनोदप्रियता थी। कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वह मनोविनोद करते हुए समस्या को सुलझा लेते थे। वह ‘केसरी’ नाम का मराठी दैनिक अखबार निकालते थे, जिसके तीखे तेवर से अंग्रेज सरकार परेशान रहती थी। वह छोटी-छोटी बात को लेकर उन पर मुकदमा कर देती थी। एक …
Read More »Earn relationships not money
थोड़ा समय लगेगा लेकिन पढ़ना जरूर, आंसू आ जाए तो जान लेना आपकी भावनाएं जीवित हैं …. बात बहुत पुरानी है। आठ-दस साल पहले की। मैं अपने एक मित्र का पासपोर्ट बनवाने के लिए दिल्ली के पासपोर्ट ऑफिस गया था।उन दिनों इंटरनेट पर फार्म भरने की सुविधा नहीं थी। पासपोर्ट दफ्तर में दलालों का बोलबाला था और खुलेआम दलाल पैसे लेकर …
FM Station
FM broadcasting began on 23 July 1977 in Chennai, then Madras, and was expanded during the 1990s, nearly 50 years after it mushroomed in the US. In the mid-nineties, when India first experimented with private FM broadcasts, the small tourist destination of Goa was the fifth place in this country of one billion where private players got FM slots. The …
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