जाओ जाओ वृंदावन एह उधोगोपियों से जाकर तुम मिलनाकेहना कान्हा ने भेजा हैसुध उनकी जरा ले कर आना उन्हें समझाना की अब न मुझको याद करेइक छलियाँ के लिए वो वक़्त न बर्बाद करेफिर वो क्या केहती है उनकी बात हमसे आकर तुम केहना,केहना कान्हा ने भेजा है कान्हा क्या जाने के प्यार क्या होता हैरोती हो तुम लोग वो …
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