हे रोम रोम मे बसने वाले राम, जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी, मे तुझ से क्या मांगूं | आप का बंधन तोड़ चुकी हूं, तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूं | नाथ मेरे मै क्यूं कुछ सोचूं तू जाने तेरा काम || तेरे चरण की धुल जो पायें, वो कंकर हीरा हो जाएँ | भाग मेरे जो मैंने पाया, …
Read More »Tag Archives: jagat
तेरा झूठा मोह जगत में (Yours false attachment with world)
तेरा झूठा मोह जगत में तोते से बोली मैना गैरों से मतलब क्या है अपनों से बच के रहना श्री राम हुए वनवासी अपनो से धोखा खाया वो मोसी भी अपनी थी जिसने वनवास दिलाया सब आनी जानी माया सुख है तो दुःख भी सहना गैरो से मतलब क्या है अपनों से बचके रहना श्री कृष्ण हुये अवतारी जाने जन्म …
Read More »सुनले तूँ मेरी पुकार
माता.. माता.. माता.. माता.. माता.. माता… सुनले तूँ मेरी पुकार हो… सुनले तूँ मेरी पुकार,माता मैं तो घिरा हूँ, घोर पाप में सुनले तूँ मेरी पुकार…।जाऊँ कहाँ मैं, कौन है मेरा माई ,तूँ ही बता दे । किसको सुनाऊँ, दुःख की कहानी माई अपना पता दे ॥ ढूँढूँ कहाँ मैं तेरा द्वार , माता मैं तो घिरा हूँ घोर पाप …
Read More »चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव
भगवान रुद्र ने ओषधियों का निर्माण करके जगत का इतना कल्याण किया है कि वेद ने भी भगवान शंकर सम्पूर्ण शरीर को ही भेषज मान लिया है । कहा है कि – या ते रुद्र शिवा तनू शिवा विश्वस्य भेषजी । शिवा रुद्रस्य भेषजी तया नो मृड जीवसे ।। सचमुच आयुर्वेद भगवान शिव के रूप में ही अभिव्यक्त हुआ था, …
Read More »नारद जी को विष्णु माया का दर्शन
राजा युधिष्ठिर ने पूछा – भगवन् ! यह विष्णु भगवान की माया किस प्रकार की है ? जो इस चराचर जगत को व्यामोहित करती है । भगवान श्रीकृष्ण ने कहा – महाराज ! किसी समय नारद मुनि श्वेतद्वीप में नारायण का दर्शन करने के लिये गये । वहां श्रीनारायण का दर्शन कर और उन्हें प्रसन्न मुद्रा में देखकर उनसे जिज्ञासा …
Read More »परम शैव भगवान विष्णु की शिवोपासना
समय के परिवर्तन से कभी तो देवता बलवान हो जाते हैं और कभी दानव। एक बार दानवों की शक्ति बहुत अधिक हो गयी और वे देवों को बहुत अधिक कष्ट पहुंचाने लगे। देवता बहुत संत्रस्त और संतप्त हुए। इसलिए अपने दु:खों की निवृत्ति के लिए भगवान विष्णु के समीप गए और उनकी स्तुति करने लगे। स्तुति से प्रसन्न होकर विष्णु …
Read More »तेरा मान मे राम तन मे राम
रोम रोम मे, राम राय राम सुमीर ले, ध्यान लगले छोड़ जगत के, काम राय बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम राम (2) माया मैं तू, उलजा उलजा, धार धार भूल उड़ाए अब क्यू करता, मान भारी जब, माया साथ छुड़ाए,(2) दिन तो बिता, दौड़ धूप मैं, ढाल जाए ना शाम रे, बोलो राम, बोलो राम, बोलो राम राम …
Read More »बड़ा नातकट है ये कृष्णा कन्हैया
क्या करे यशोदा मैया दूँदे जी ए अकिया उसे चारू और जाने कहा चुप गया नंदा किशोरे उड़ गया ऐसे जैसे पुरवईया क्या करे यशोदा मैया आटो हू मे, गले से लगालु लगे ना किसी के नज़र, मॅन मे चुपलु डप जगत है रे, ममता है छैइया क्या करे यशोदा मैया मेरे जीवन का तू, एक आयी सपना जो कोई …
Read More »नैया ले चल पार्ली पर
नैया ले चल पार्ली पर कन्हैया ले चल पार्ली पर नैया ले चल पार्ली पर कन्हैया ले चल पार्ली पर हरी नाम नही तो जीना क्या – 2 अमराट है हरी नाम जगत में इसे छ्चोड़ विषाया विष पीना क्या हरी नाम नही तो जीना क्या काल सदा अपने रस डोले ना जाने कब सिर चाड बोले – 2 हरी …
Read More »हरी नाम नही तो जीना क्या
हरी नाम नही तो जीना क्या – 2 अमराट है हरी नाम जगत में हरी नाम नही तो जीना क्या – 2 अमराट है हरी नाम जगत में इसे छ्चोड़ विषाया विष पीना क्या हरी नाम नही तो जीना क्या काल सदा अपने रस डोले ना जाने कब सिर चाड बोले – 2 हरी का नाम जपो नीश्वासर – 2 …
Read More »