गुरु बिन कौन बतावे बाट बड़ा विकिट यम घाट भ्रान्ति की पहाड़ी, नदिया बीच में अहंकार की लाट । बड़ा विकिट यम घाट… काम क्रोध दो पर्वत ठाड़े, लोभ चोर संघात । बड़ा विकिट यम घाट… मद मक्षर का मेधा बरसत माया पवन बह जाए बड़ा विकिट यम घाट… कहत कबीर सुनो भाई साधो, क्यों तरना यह घाट बड़ा विकिट …
Read More »Tag Archives: krodh
चाणक्य नीति: सातवां ध्याय (chanakya niti:seventh chapter)
एक बुद्धिमान व्यक्ति को निम्नलिखित बातें किसी को नहीं बतानी चाहिए .. १. की उसकी दौलत खो चुकी है. २. उसे क्रोध आ गया है. ३. उसकी पत्नी ने जो गलत व्यवहार किया. ४. लोगो ने उसे जो गालिया दी. ५. वह किस प्रकार बेइज्जत हुआ है. जो व्यक्ति आर्थिक व्यवहार करने में, ज्ञान अर्जन करने में, खाने में और …
Read More »गुरु बिन कौन बतावे
भ्रान्ति की पहाड़ी, नदिया बीच में अहंकार की लाट । बड़ा विकिट यम घाट… काम क्रोध दो पर्वत ठाड़े, लोभ चोर संघात । बड़ा विकिट यम घाट… मद मक्षर का मेधा बरसत माया पवन बह जाए बड़ा विकिट यम घाट… कहत कबीर सुनो भाई साधो, क्यों तरना यह घाट बड़ा विकिट यम घाट… bhraanti kee pahaadee , nadiya …
Read More »बाड़े की कील
बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा …
Read More »तीन गांठें
भगवान बुद्ध अक्सर अपने शिष्यों को शिक्षा प्रदान किया करते थे। एक दिन प्रातः काल बहुत से भिक्षुक उनका प्रवचन सुनने के लिए बैठे थे । बुद्ध समय पर सभा में पहुंचे, पर आज शिष्य उन्हें देखकर चकित थे क्योंकि आज पहली बार वे अपने हाथ में कुछ लेकर आए थे। करीब आने पर शिष्यों ने देखा कि उनके हाथ …
Read More »इर्ष्या , क्रोध और अपमान
टोकियो के निकट एक महान ज़ेन मास्टर रहते थे , वो अब वृद्ध हो चुके थे और अपने आश्रम में ज़ेन बुद्धिज़्म की शिक्षा देते थे .एक नौजवान योद्धा , जिसने कभी कोई युद्ध नहीं हारा था ने सोचा की अगर मैं मास्टर को लड़ने के लिए उकसा कर उन्हें लड़ाई में हरा दूँ तो मेरी ख्याति और भी फ़ैल जायेगी …
Read More »मूर्ख कछुआ(Moorkh kachhuaa)
बहुत समय पहले की बात है, गाँव के किनारे किसी तालाब में एक कछुआ रहता था। उसी तालाब के किनारे दो बगुलों का जोड़ा भी रहता था। वो अक्सर तालाब में पानी पीने के लिए आते थे और कछुवे के साथ कुछ बाते भी कर लेते थे। कुछ ही दिनों बाद तीनों में अच्छी दोस्ती हो गई। अब तीनों मिलकर …
Read More »बीता हुआ कल
बुद्ध भगवान एक गाँव में उपदेश दे रहे थे. उन्होंने कहा कि “हर किसी को धरती माता की तरह सहनशील तथा क्षमाशील होना चाहिए. क्रोध ऐसी आग है जिसमें क्रोध करनेवाला दूसरोँ को जलाएगा तथा खुद भी जल जाएगा.” सभा में सभी शान्ति से बुद्ध की वाणी सून रहे थे, लेकिन वहाँ स्वभाव से ही अतिक्रोधी एक ऐसा व्यक्ति भी …
Read More »हार-जीत-का-फैसला!
बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मेँ निर्णायक थीँ- मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। हार-जीत का निर्णय होना बाक़ी था, इसी बीच देवी भारती को शाश्त्रार्थ किसी आवश्यक कार्य से कुछ समय के लिये बाहर जाना पड़ गया। लेकिन जाने से पहले देवी भारती नेँ दोनोँ ही विद्वानोँ …
Read More »गंगावतार – भगवान शिव के अवतार
पूर्वकाल में अयोध्या में सगर नामक एक परम प्रतापी राजा राज्य करते थे । उनके एक रानी से एक तथा दूसरी से साठ हजार पुत्र उत्पन्न हुए । कुछ काल के बाद महाराज सगर के मन में अश्वमेध – यज्ञ करने की इच्छा हुई । राजा सगरने यज्ञीय अश्व की रक्षा का बार अपने पौत्र अंशुमान को सौंपकर यज्ञ प्रारंभ …
Read More »