अफ्रीका के एक गाँव में जन्मे आगस्टाइन जन्मजात प्रतिभाशाली थे। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे अमेरिका की मिलान यूनिवर्सिटी में शिक्षक नियुक्त हुए। वे ‘खाओ-पीओ मौज करो’ के सिद्धांत में विश्वास रखते थे और असंयम व स्वेच्छाचारी जीवन बिताते थे। एक दिन वे ईसाई प्रचारक पादरी एंबोसे के सत्संग में गए। मनुष्य को असत्य, हिंसा, यौनाचार आदि का …
Read More »Tag Archives: Praan
माण्डव्य ऋषि का यमराज को श्राप
महाभारत के अनुसार, माण्डव्य नाम के एक ऋषि थे। राजा ने भूलवश उन्हें चोरी का दोषी मानकर सूली पर चढ़ाने की सजा दी। सूली पर कुछ दिनों तक चढ़े रहने के बाद भी जब उनके प्राण नहीं निकले, तो राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने ऋषि माण्डव्य से क्षमा मांगकर उन्हें छोड़ दिया। तब ऋषि यमराज के …
Read More »आन मिलो मोहे राम
आन मिलो मोहे राम, राम मेरे । मन व्याकुल है, तन बेसुध है, अँखिओं में आ गए प्राण ॥ तुम तो दुःख में छोड़ गए हो, तोड़ के हमसे नाता, मेरे लिए रघुवीर तुम्ही हो पिता बंधू और माता । तुम ही नहीं तो मेरा जीवन आएगा किस काम ॥ आन मिलो मोहे राम, राम मेरे… जिस पथ से तुम …
Read More »साईं नाम की लूट है प्राणी लूट सके तो लूट
साईं नाम की लूट है प्राणी, लूट सके तो लूट पाछे फिर पछतायेगा जप प्राण जाएंगे छूट जीवन पर काहे इतराये, यह साँसे तो आनी जानी काया एकदिन मिट लाएगी जीवन है बस बहता पानी साईं नाम का प्याला तू पीले, जीवन कड़वा घुट पाछे फिर पछतायेगा जप प्राण जाएंगे छूट… मोह माया यह मिथ्या सारी, काम तेरे ना ना …
Read More »आ लौट के आजा हनुमान तुम्हे श्री राम बुलाते हैं
आ लौट के आजा हनुमान, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं। जानकी के बसे तुममे प्राण, तुम्हे श्री राम बुलाते हैं॥ लंका जला के सब को हरा के तुम्ही खबर सिया की लाये। पर्वत उठा के संजीवन ला के तुमने लखन जी बचाए। हे बजरंगी बलवान, तुम्हे हम याद दिलाते हैं॥ पहले था रावण एक ही धरा पे, जिसको प्रभु ने …
Read More »मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां
मोहे तो प्यारी लागे बरसाने की गलियां जग सो न्यारी हैं यह बरसाने की गलियां रसिको की प्राण हैं यह, जीवन आधार हैं यह राधे जु की किरपा का, श्यामा जु की किरपा का द्वार हैं यह गलियां मोहे तो प्यारी लागे… बरसाने जो भी आवे, चरणों में प्रीत पावे राधे जु की पायल की, श्यामा जु की पायल जी …
Read More »स्वातंत्र्य गर्व उनका जो नर फांको में प्राण गंवाते हैं
स्वातंत्र्य गर्व उनका, जो नर फाकों में प्राण गंवाते हैं , पर, नहीं बेच मन का प्रकाश रोटी का मोल चुकाते हैं । स्वातंत्र्य गर्व उनका, जिनपर संकट की घात न चलती है , तूफानों में जिनकी मशाल कुछ और तेज़ हो जलती है । स्वातंत्र्य उमंगो की तरंग, नर में गौरव की ज्वाला है , स्वातंत्र्य रूह की ग्रीवा …
Read More »श्री शबरी जी की भक्ति
सबको परमगति प्रदान करते हुए उदारशिरोमणि भगवान शबरी को भी गति देने के लिए उसके आश्रम में पधारे । ‘आश्रम’ शब्द से शबरी जी का विरक्त होना सूचित किया गया है, क्योंकि वन में बहुत – से कोल – किरात आदि भी निवास करते हैं, परंतु उनके घरों को कभी ‘आश्रम’ नहीं कहा जाता । शबरी जी मन, वचन और …
Read More »मूर्ति पूजन का तात्पर्य
स्वामी विवेकानंद की ख्याति दिन प्रतिदिन फैलती रही । उनका गुणगान सुनकर अलवर राज्य के दीवान महोदय ने उन्हें अपने घर बुलाया । स्वामी जी का सत्संग करके दीवान जी ने अपना महोभाग्य माना । दूसरे दिन दीवान जी ने महाराज से इनके बारे में एक पत्र लिखकर चर्चा की । महाराज उस समय अलवर से दो मील दूरी पर …
Read More »श्री कृष्णा प्यारे, ओह ब्रज के बसाया
बहुत होचुकी आब, तो बिगड़ी बनाजा श्री कृष्णा प्यारे, ओह ब्रज के बसाया…2 करो पार, मजधार मे मेरी नैया श्री कृष्णा प्यारे, ओह यशोधा के लाला…2 मेरे डुनधे जीवन मे, करदो उजाला श्री कृष्णा प्यारे, ओह गोकुल की वासी…2 बिना तेरी चाही, मे चौदिश उदासी श्री कृष्णा प्यारे, ओह नंद के दुलारे…2 समभलो अधम उ, तेरी ही सहारे श्री कृष्णा …
Read More »