blog
पंकज त्रिपाठी उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी
अभिनेता पंकज त्रिपाठी की ज़िन्दगी भी इस कहावत से अलग नहीं है। लोग छोटे से शहर से निकलकर मुंबई की मायानगरी में आते हैं,सालों-साल संघर्ष करते हैं,
Read More »blog
अभिनेता पंकज त्रिपाठी की ज़िन्दगी भी इस कहावत से अलग नहीं है। लोग छोटे से शहर से निकलकर मुंबई की मायानगरी में आते हैं,सालों-साल संघर्ष करते हैं,
Read More »
बचपन से लेकर आज तक हजारों बार इस कहावत को सुना था कि "कहां राजा भोज- कहां गंगू तेली"। आमतौर पर यह ही पढ़ाया और बताया जाता था कि इस कहावत का अर्थ अमीर और गरीब के बीच तुलना करने के लिए है
Read More »
सुरेश जी ने दूसरी शादी की तो सुरेखा को लगा कि उसे माँ मिल जाएगी। सुरेखा ने अपनी माँ की तरह ही चाहा राधा माँ को।
Read More »
एक रस्सी द्वारा कोई प्राणी डुलाता रहता।चूँकि विद्युतीकरण उस समय हुआ नहीं था हाथ से डुलाने वाला ये पंखा बड़े अमीर वर्ग में ख़ासा प्रचलन में था। अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान ऐसे पंखों का खूब प्रयोग हुआ। अनेक भारतीय मज़दूर को पंखा डुलाने के लिए अंग्रेज़ी अफ़सर रखते थे।
Read More »
ग्यारह बजने को आए ... जाने कब दोपहर का खाना चढाऐगी चूल्हे पर .... और जाने कब खाने को मिलेगा
Read More »
। नौ दस साल का छोकरा, बच्चा ही समझो। उसे बाया हाथ नहीं था, किसी बैल से लड़ाई में टूट गया था। तुझे क्या चाहिए मुझसे? गुरु ने उस बच्चे से पूछा।
Read More »
मेरा बुद्धू बेटा मां ने प्यार से उसके बालों पर हाथ फेरते हुए उसका माथा चूम लिया। वो सोच रहा था कि मां का प्यार उसका साथ दुनिया की सबसे बड़ी दौलत है। हे ईश्वर इसे मेरे ऊपर हमेशा बनाए रखना।
Read More »
जब भी उसके पास चाट खाने जाओ तो ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता था। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है, जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती
Read More »
एक 15 साल का भाई अपने पापा से कहा पापा पापा दीदी के होने वाले ससुर और सास कल आ रहे है अभी जीजाजी ने फोन पर बताया। दीदी मतलब उसकी बड़ी बहन की सगाई कुछ दिन पहले एक अच्छे घर में तय हुई थी। दीनदयाल जी पहले से ही उदास बैठे थे धीरे से बोले..
Read More »
दोपहर हो गई। त्योहार निकट थी। दुकानों पर नाना प्रकार की मिठाइयाँ और चीनी के खिलौने सजे थे। एक हलवाई ने चीनी से आदमी की आकृति बना रखे थे
Read More »