Breaking News

blog

blog

भोला चूहा !!

एक बार एक गाँव में एक चूहे का परिवार रहता था। एक दिन सबसे छोटा चूहा खेलने के लिए बाहर निकला। अचानक उसने एक मुर्गे को देखा। उसकी बड़ी चोंच, पंख और उसके सिर के ऊपर लाल कलगी को देखकर वह डर गया। आगे उसे एक बहुत सुंदर बिल्ली दिखी। उसे आकर्षक आँखें और नर्म बाल उसे बहुत अच्छे लगे। …

Read More »

मैरी की भूल !!

जब संसार बनाया जा रहा था, तब देवताओं ने एक उत्तम रचना बनाने की सोची। इसलिए उन्होंने मैरी नाम की एक लड़की बनाई जो बुद्धिमान और कुशल थी। पृथ्वी पर भेजने से पहले वे उसे अपने राजा बृहस्पति के पास ले गए। राजा ने उसे एक संदेश दिया और कहा-“इसे कभी मत खोलना।” परंतु एक दिन मैरी को इतनी उत्सुकता …

Read More »

रानी और किसान !!

एक रानी ने शादी के लिए एक शर्त रखी। शर्त थी- “रानी उससे शादी करेगी, जिसकी तीन पहेलियों के उत्तर रानी न दे पाये।” कई लोग आए परंतु कोई कामयाब नहीं हुआ। एक दिन ईशान नामक किसान ने रानी से पूछा-“मैंने एक अच्छी चीज़ में एक अच्छी चीज़ को देखा। मैंने पहली अच्छी चीज़ में से दूसरी अच्छी चीज़ को …

Read More »

नीच का न्याय !!

एक जंगल के जिस वृक्ष पर मैं रहता था, उसके नीचे के तने में एक खोखल में किंजल नाम का एक चटक (तीतर) भी रहता था। एक दिन कपिजल अपने साथियों के साथ बहुत दूर के खेत में धान की नई-नई कोपलें खाने चला गया।   बहुत रात बीतने पर भी जब वह वापस न लौटा तो मुझे चिंता होने …

Read More »

एन्ड्रोक्लीज और शेर!!

रोम में एन्ड्रोक्लीज़ नामक गुलाम अपने मालिक से परेशान होकर जंगल में भाग गया। वहाँ उसकी मुलाकात एक घायल शेर से हुई। शेर बार बार अपना पंजा उठा रहा था। पहले तो एन्ड्रोक्लीज़ डरा फिर साहस कर उसके पास गया और उसके पंजे में फँसा काँटा उसने निकाल दिया। शेर ने उसके हाथों को चाटकर आभार प्रकट किया और फिर …

Read More »

नाजुक चूजा !!

एक बार की बात है, एक नाजुक चूजा जंगल में सैर के लिए निकला। वह देवदार के पेड़ के नीचे से जा रहा था तभी अचानक एक फल उसके सिर पर आ गिरा। नाजुक चूजे ने समझा कि हो न हो आसमान गिर रहा है। भयभीत होकर वह दौड़ने लगा। उसने जंगल के राजा शेर को यह बताने का निर्णय …

Read More »

चींटी और टिड्डा !!

गर्मियों के दिन थे। एक मैदान में एक टिड्डा अपनी ही मस्ती में झूम-झूम कर गाना गा रहा था। तभी उधर से एक चींटी गुजरी। वह एक मक्के का दाना उठाकर अपने घर ले जा रही थी। टिड्डे ने उसे बुलाया और कहा, “चींटी रानी, चींटी रानी, कहाँ जा रही होघ? इतना अच्छा मौसम है… आओ बातें करें… मस्ती करें…” …

Read More »

शब्दों का जादू !!

सेठ अनाथपिंडक भगवान् बुद्ध के परम स्नेहभाजन थे। वे अपने मन की तमाम बातें और वेदना निःसंकोच उनके समक्ष प्रस्तुत कर समाधान पाने की आशा रखते थे। एक दिन अनाथपिंडक का उदास चेहरा देखकर तथागत ने उनसे पूछा, ‘सेठ, किस समस्या के कारण चिंतित हो?’ उन्होंने बताया, ‘नई बहू सुजाता के व्यवहार के कारण बहुत परेशान हूँ। वह अत्यंत अभिमानी …

Read More »

अनूठी सेवा भावना !!

गीता मर्मज्ञ सद्गृहस्थ संत जयदयाल गोयंदका ने आजीवन गीता का प्रचार करने का संकल्प लिया था। इसी उद्देश्य से गीता प्रेस गोरखपुर ) की स्थापना की गई थी। उन्होंने स्वयं भी अनेक धार्मिक ग्रंथों की रचना की । वे प्रायः कहा करते थे, ‘पीड़ितों की सेवा सबसे बड़ा धर्म है। जिसका हृदय दूसरे के दुःख को देखकर द्रवित नहीं होता, …

Read More »

करुणा और प्रेम !!

दक्षिण भारत के एक नगर में तिरुविशनल्लूर अय्यावय्यर नामक एक निश्छल हृदय के विद्वान् ब्राह्मण रहते थे। उन्होंने धर्मशास्त्रों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला कि करुणा और प्रेम ही धर्म का सार है। एक बार उनके पिता के श्राद्ध का दिन था। ब्रह्मभोज की तैयारी हो रही थी। श्राद्ध के अवसर पर ब्राह्मण को जो भोजन दिया जाता है, …

Read More »