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कर्मो का भोग निश्चित हैं !!
एक सिद्ध आचार्य अपने शिष्यों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकले | कुछ देर चलने के बाद वे थकान निकालने बीच घने जंगल में ही रुक गये | इतने में आचार्य को कुछ आवाजे सुनाई दी | ध्यान से सुनने पर आचार्य को समझ आया कि यह कुछ लोगो के रोने की आवाज हैं |उन्होंने शिष्यों को बोला- बालको ! …
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