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डॉक्टर अब्दुस सलाम

सन 1979 में पाकिस्तान के भौतिकविद डॉक्टर अब्दुस सलाम ने नोबेल प्राइज़ जीतने के बाद भारत सरकार से रिक्वेस्ट की कि उनके गुरु प्रोफ़ेसर अनिलेंद्र गांगुली को खोजने में उनकी मदद करे। प्रोफ़ेसर अनिलेंद्र गांगुली ने डॉक्टर अब्दुस सलाम को लाहौर के सनातन धर्म कॉलेज में गणित पढ़ाया था। प्रोफ़ेसर अनिलेंद्र गांगुली को खोजने के लिए डॉक्टर अब्दुस सलाम को …

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अज्ञात

किसी दिन सुबह उठकर एक बार इसका जायज़ा लीजियेगा कि कितने घरों में अगली पीढ़ी के बच्चे रह रहे हैं? कितने बाहर निकलकर नोएडा, गुड़गांव, पूना, बेंगलुरु, चंडीगढ़,बॉम्बे, कलकत्ता, मद्रास, हैदराबाद, बड़ौदा जैसे बड़े शहरों में जाकर बस गये हैं?कल आप एक बार उन गली मोहल्लों से पैदल निकलिएगा जहां से आप बचपन में स्कूल जाते समय या दोस्तों के …

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सेठ रामदास जी गुड़वाले

इतिहास के पन्नों में कहाँ हैं ये नाम? सेठ रामदास जी गुड़वाले – 1857 के महान क्रांतिकारी,दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उनपर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया। सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्ली के अरबपति सेठ और बेंकर थे. और अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के गहरे दोस्त थे. इनका …

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भारत के प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग

हमारा देश भारत में यूँ तो अनेकों तीर्थपुराणों के अनुसार इन्हीं 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए। सोमनाथ〰️〰️〰️〰️यह शिवलिंग गुजरात के सौराष्ट्र में स्थापित है। मल्लिकार्जुन〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे पर्वत पर स्थापित है श्री शैल मल्लिकार्जुन शिवलिंग।महाकालेश्वर〰️〰️〰️〰️उज्जैन में स्थापित महाकालेश्वर शिवलिंग, जहां शिवजी ने दैत्यों का नाश किया था।ओंकारेश्वर〰️〰️〰️मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर में नर्मदा तट …

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बच्चों के 13 अनुरोध हैं जो वे कभी नहीं कह सकते हैं:

पूरे दिल से मुझे प्यार करो।मुझे भीड़ में मत डाँटो।भाई, भाई, बहन या किसी और के साथ मेरी तुलना मत करो।मत भूलो, पिता और माता, मैं तुम्हारी फोटोकॉपी हूं।जैसे-जैसे मेरी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे मुझे हमेशा एक बच्चा मत समझिए।मुझे कोशिश करने दें, फिर मुझे बताएं कि क्या यह गलत हैमेरी गलतियों को मत लाओ।मैं आपके लिए पुरस्कारों का क्षेत्र …

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रॉबिन हुड की कहानी टंट्या भील (टंट्या मामा)

1842 में खंडवा जिले के बड़दा गांव में जन्मे टंट्या भील (टंट्या मामा) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें भारतीय रॉबिन हुड भी कहा जाता है। 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने बेहद कठोर कार्रवाई की, जिसके बाद ही टंट्या भील ने अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ना शुरू किया। वह उन महान क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने बारह …

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डीडी कोसाम्बी की इतिहास दृष्टि

अभी कुछ दिनों पहले इतिहास लेखन वाले भाग में मैंने लिखा था कि 1950 के दशक में मार्क्सवादी इतिहास लेखन का उदय हुआ, जिसका प्राचीन भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन में सबसे प्रभावशाली भूमिका रही। मार्क्सवादी इतिहास लेखन पर अधिकाँश लोग ये आरोप लगाते हैं कि इसने प्राचीन भारतीय इतिहास को विकृत कर दिया लेकिन इस लेखन की सबसे बड़ी उपलब्धि …

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राजा हरिश्चन्द्र

पहली भारतीय फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र” का प्रदर्शन / 3 मई 1913दादा साहेब फाल्के द्वारा निर्मित तथा सन् 1913 में प्रदर्शित फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र” को भारत की पहली फीचर फिल्म होने का श्रेय प्राप्त है। “राजा हरिश्चन्द्र” चार रीलों की लम्बाई वाली एक मूक फिल्म है। इस फिल्म की कहानी हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में वर्णित राजा हरिश्चन्द्र की कथा पर आधारित …

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इंकलाब जिंदाबाद ✊✊✊

भगत सिंह की बैरक की साफ-सफाई करने वाले #वाल्मीकि समाज के व्यक्ति का नाम #बोघा था। भगत सिंह उसको बेबे (मां) कहकर बुलाते थे। जब कोई पूछता कि भगत सिंह ये भंगी बोघा तेरी बेबे कैसे हुआ? तब भगत सिंह कहता, मेरा मल-मूत्र या तो मेरी बेबे ने उठाया, या इस भले पुरूष बोघे ने। बोघे में मैं अपनी बेबे …

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महादेवी वर्मा की एक कविता

मैं हैरान हूँ ” –इतिहास में छिपाई गई,-महादेवी वर्मा की एक कविता ” मैं हैरान हूं यह सोचकर ,किसी औरत ने क्यों नहीं उठाई उंगली ?तुलसी दास पर ,जिसने कहा ,“ढोल ,गंवार ,शूद्र, पशु, नारी,ये सब ताड़न के अधिकारी।” मैं हैरान हूं ,किसी औरत नेक्यों नहीं जलाई “मनुस्मृति”जिसने पहनाई उन्हेंगुलामी की बेड़ियां ? मैं हैरान हूं ,किसी औरत ने क्यों …

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