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रॉबिन हुड की कहानी टंट्या भील (टंट्या मामा)

1842 में खंडवा जिले के बड़दा गांव में जन्मे टंट्या भील (टंट्या मामा) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें भारतीय रॉबिन हुड भी कहा जाता है। 1857 के भारतीय विद्रोह के बाद, अंग्रेजों ने बेहद कठोर कार्रवाई की, जिसके बाद ही टंट्या भील ने अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ना शुरू किया। वह उन महान क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने बारह …

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डीडी कोसाम्बी की इतिहास दृष्टि

अभी कुछ दिनों पहले इतिहास लेखन वाले भाग में मैंने लिखा था कि 1950 के दशक में मार्क्सवादी इतिहास लेखन का उदय हुआ, जिसका प्राचीन भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन में सबसे प्रभावशाली भूमिका रही। मार्क्सवादी इतिहास लेखन पर अधिकाँश लोग ये आरोप लगाते हैं कि इसने प्राचीन भारतीय इतिहास को विकृत कर दिया लेकिन इस लेखन की सबसे बड़ी उपलब्धि …

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राजा हरिश्चन्द्र

पहली भारतीय फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र” का प्रदर्शन / 3 मई 1913दादा साहेब फाल्के द्वारा निर्मित तथा सन् 1913 में प्रदर्शित फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र” को भारत की पहली फीचर फिल्म होने का श्रेय प्राप्त है। “राजा हरिश्चन्द्र” चार रीलों की लम्बाई वाली एक मूक फिल्म है। इस फिल्म की कहानी हिन्दू पौराणिक ग्रंथों में वर्णित राजा हरिश्चन्द्र की कथा पर आधारित …

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इंकलाब जिंदाबाद ✊✊✊

भगत सिंह की बैरक की साफ-सफाई करने वाले #वाल्मीकि समाज के व्यक्ति का नाम #बोघा था। भगत सिंह उसको बेबे (मां) कहकर बुलाते थे। जब कोई पूछता कि भगत सिंह ये भंगी बोघा तेरी बेबे कैसे हुआ? तब भगत सिंह कहता, मेरा मल-मूत्र या तो मेरी बेबे ने उठाया, या इस भले पुरूष बोघे ने। बोघे में मैं अपनी बेबे …

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महादेवी वर्मा की एक कविता

मैं हैरान हूँ ” –इतिहास में छिपाई गई,-महादेवी वर्मा की एक कविता ” मैं हैरान हूं यह सोचकर ,किसी औरत ने क्यों नहीं उठाई उंगली ?तुलसी दास पर ,जिसने कहा ,“ढोल ,गंवार ,शूद्र, पशु, नारी,ये सब ताड़न के अधिकारी।” मैं हैरान हूं ,किसी औरत नेक्यों नहीं जलाई “मनुस्मृति”जिसने पहनाई उन्हेंगुलामी की बेड़ियां ? मैं हैरान हूं ,किसी औरत ने क्यों …

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सरखेल कान्‍होजी आंग्रे : मराठा नौदल प्रमुख

मराठा साम्राज्‍य में सरखेल कान्‍होजी आंग्रे ‘मराठा नौसेना’ के प्रमुख थे । कान्‍होजी आंग्रे लगभग २५ वर्षों तक भारत के कोंकण का सागरी तट को स्‍वराज्‍य में सुरक्षित रखने में सफल हुए थे । सागर के सम्राट कान्‍होजी आंग्रे को नौसेनाधिपति (सरखेल) आंग्रे भी कहा जाता है । १८ वीं शताब्‍दी में वह मराठा साम्राज्‍य की नौसेना के सेनापति थे …

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प्रेम का स्मारक ताजमहल नहीं यह हैtata-memorial

चित्र में दिखाई गई महिला की फोटो को ज़ूम करके देखेंगे तो उनके गले में पहना हुआ एक बड़ा डायमंड दिखाई देगा ….. यह 254 कैरेट का #जुबलीडायमंड है जो आकार और वजन में विश्व विख्यात #”कोहएनूर” हीरे से दोगुना है … ये महिला #मेहरबाईटाटा हैं जो जमशेदजी टाटा की बहू और उनके बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा की पत्नी …

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एक फटी धोती और फटी कमीज

एक फटी धोती और फटी #कमीज पहने एक व्यक्ति अपनी 15-16 साल की बेटी के साथ एक बड़े होटल में पहुंचा। उन दोंनो को कुर्सी पर बैठा देख एक #वेटर ने उनके सामने दो #गिलास साफ ठंडे पानी के रख दिए और पूछा- आपके लिए क्या लाना है? उस व्यक्ति ने कहा- “मैंने मेरी बेटी को वादा किया था कि …

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भीखा जी कामा

“भारत आज़ाद होना चाहिए; भारत गणतंत्र होना चाहिए; भारत में एकता होनी चाहिए।”ये उस महिला के शब्द थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत में पहली बार भारतीय झंडा फहराया। भारत की आज़ादी से चार दशक पहले, साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक महिला ने फहराया था! 46 वर्षीया भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी …

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जियेंगे तो साथ में – मरेंगे तो साथ में

jiyenge-saath-mein-aur-marengey-saath-mein

यह story एक ऐसे लड़के-लड़की की है जिनका प्यार एक मिशाल है. आज के दुनिया के लिए. ऐसी lover के लिए जो रोज ही अपना प्यार बदलते है. जो आज किसी के साथ तो कल किसी और के साथ. मैं यही कहुगी प्यार हो तो उनके जैसा. सभी को प्यार चाहिए मगर प्यार देना कोई नहीं जानता.

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