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Career Guide

समझदारी की बात !!

एक से था। उसने एक नौकर रखा। रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ। उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही। अगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया। सफाई करते समय नौकर ने देखा। उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया।दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच …

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शेर और चतुर खरगोश !!

एक जंगल में एक बहुत शक्तिशाली शेर रहता था। वह पूरे जंगल में निडर होकट घूमता रहता था और जो भी जाबवर उसे दिख जाता, उसे मार डालता। सारे जानवर बहुत चिंतित थे। एक दिन सारे जानवर एक साथ शेर के पास पहुंचे और कहने लगे *आप हमारे राजा हैं। हम नहीं चाहते कि आपको शिकार करने के लिए इधर-उधर …

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बोरीभर ठीकरियां !!

दूलीचंद व नानकचंद गहरे मित्र थे। दूलीचंद ने वृद्धावस्था के लिए कुछ धन जोड़ रखा था। उसके बल पर उसका बुढ़ापा मजे से कट रहा । जबकि नानकचंद ने था जितना कमाया था वह सब उड़ा दिया था। फलस्वरूप उसका बुढ़ापा कष्टों में गुजर रहा था दूलीचंद का परिवार पर पूरा दबदबा था। बेटे-बहुएं सभी उसकी आज्ञा का पालन करते थे। …

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सच्चा शिक्षक- कहानी

शिक्षक दिवस के अवसर पर आज हम आपके लिए सच्चा शिक्षक- कहानी लाये हैं। जो एक शिक्षिका और एक छात्र के सम्बंध पर आधारित है। यह कहानी निश्चित रूप से आपको भावुक कर देगी। यह कहानी बताती है कि एक शिक्षक का कार्य केवल पढ़ाना ही नहीं होता बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व का विकास भी शिक्षकों का दायित्व है। शहर के प्राथमिक विद्यालय …

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समय की कीमत !!

हरी एक गरीब एवं राज्य सबसे चर्चित आलसी था वह कुछ कार्य नहीं करता था। उसके आलस की चर्चा सुनकर एक दिन राजा ने उसे बुलवाकरकहा,‘तुम पैसे कमाने के लिए कोई कार्य क्यों नहीं करते हो?”हरी बोला मुझे कोई काम ही नहीं देता और मेरे दुश्मन सोचते हैं कि मैं आलसी हु ।” राजा बोला’ठीक है, तुम मेरे राजकोष में …

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साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप !!

साँच बराबरि तप नहीं, झूठ बराबर पाप। जाके हिरदै साँच है ताकै हृदय आप॥ सच्चाई के बराबर कोई तपस्या नहीं है, झूठ (मिथ्या आचरण) के बराबर कोई पाप कर्म नहीं है। जिसके हृदय में सच्चाई है उसी के हृदय में भगवान निवास करते हैं। साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप ‘सत्येन धारयते जगत् ।’ अर्थात् सत्य ही जगत को धारण …

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मिट्टी का खिलौना !!

 एक गांव में एक कुम्हार रहता था, वो मिट्टी के बर्तन व खिलौने बनाया करता था, और उसे शहर जाकर बेचा करता था। जैसे तैसे उसका गुजारा चल रहा था, एक दिन उसकी बीवी बोली कि अब यह मिट्टी के खिलोने और बर्तन बनाना बंद करो और शहर जाकर कोई नौकरी ही कर लो, क्यूँकी इसे बनाने से हमारा गुजारा …

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राजाज्ञा और नैतिकता !!

औषधियों की खोजबीन में राजवैद्य चरक मुनि जंगलों में घूम रहे थे। उन्हें जिस औषधि की तलाश थी, वह जंगल में कहीं भी नजर नहीं आ रही थी। तभी उनकी दृष्टि एक खेत में उगे सुन्दर पुष्प पर पड़ी। उन्होंने सहस्रों पुष्पों के गुण-दोषों की जांच की थी, परन्तु यह तो कोई नए प्रकार का ही पुष्प था। उनका मन …

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अनूठे पंडित !!

चंद्रनगर में एक विद्वान् रहा करते थे। वे कहते थे, ‘विद्या से बड़ा धन दूसरा नहीं। विद्यावान की सर्वत्र पूजा होती है।’ पंडितजी के तीन पुत्र थे। तीनों ने कड़ी मेहनत से शास्त्रों का अध्ययन किया बड़ा पुत्र आयुर्वेद का प्रकांड विद्वान् बन गया, जबकि दूसरा धर्मशास्त्रों का और तीसरा नीतिशास्त्र का विद्वान् बना। तीनों ने एक-एक ग्रंथ की रचना …

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आडू और सेब !!

एक बगीचे में एक आडू और एक सेब आपस में बहस कर रहे थे। दोनों अपने आपको अधिक सुंदर बता रहे थे। दोनों अपनी बात पर अड़े थे। उन्होंने निर्णय के लिए खुली बहस करने का निश्चय किया। दोनों फलों के बीच तीखी बहस होने लगी। बगीचे के सारे फल उनकी बातें सुन रहे थे। तभी पास की झाड़ी से …

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