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जोल्दी से शादी कोर डालो

मेरी आज दूसरी मुलाकात थी … अनिता से !इंगेजमेंट होने में कुछ ही दिन बाक़ी थे सो इंफॉर्मली मिलने की इच्छा हो रही थी , पहली मुलाक़ात तो सब के सामने हुई थी .. चाय पोहे पर !आ गए चाइनीज़ रेस्ट्रॉ में ! जी भर कर देखा पाँच मिनट तक फिर जो हाथ में लिया हाथ , लगा हुआ जन्मों …

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,”बिटिया अपने बाबू जी को आकर ले जाओ यहां से। बीमार रहने लगे है ,

बहुत कमजोर हो गए हैं। हम भी कोई जवान तो हो नहीं रहें है,अब उनका करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। वैसे भी आखिरी समय अपने बच्चों के साथ बिताना चाहिए।”निशा बोली,”ठीक है चाची जी इस रविवार को आतें हैं, बाबू जी को हम दिल्ली ले आएंगे।” फिर इधर उधर की बातें करके फोन काट दिया।बाबूजी तीन भाई है …

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छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश

छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश करना इतना भी मुश्किल नहीचल यार एक हफ्तें की छुट्टी ले कर बाहर घूमने चलते है. मैं तो परेशान हो गया हूँ घर गृहस्थी से.इससे अच्छा तो शादी ही नही करता.” रजत ऑफिस के लंच टाइम पर सुनील से बोला.“क्यों ऐसा क्या हो गया ?”“क्या बताऊं. किसी न किसी बात पर निधि से …

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मेरी पसंदीद फिल्म

तो आज आपको एक ऐसी भूली हुई फ़िल्म के बारे में बताती हूँ जिसका गाना हमने रेडियो पर फ़रमाईश करवाया था अपनी अंजू मौसी जी के लिए और बजा भी था।हमने फ़रमाईश भेजी थी पीले पोस्ट कार्ड पर चंडीगढ़ से और उन्होंने सुना था इसे मुरादाबाद में।इस फ़िल्म के गाने सुपरहिट, फ़िल्म सुपर डुपर हिट थी और हीरोईन ने दो …

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गुप्तचर रविन्द्र कौशिक (ब्लैक टाईगर)

11 अप्रैल 1952 – नवंबर 2001रिसर्च एंड एनेलिसिस विंग (RAW)गुप्तचर रविन्द्र कौशिक का जन्म 11 अप्रैल 1952 को राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में एक कौशिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। रविन्द्र प्रसिद्ध नाट्य कलाकार थे और अपनी योग्यता को राष्ट्रीय स्तर नाटक सभा, लखनऊ में प्रदर्शित कर चुके थे। उनके उस नाटक को भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के कुछ अधिकारियों …

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ईश्वर या धन? आप क्या चाहते हैं?

एक बार एक नगर के राजा के यहाँ पुत्र पैदा हुआ। इस खुशी में राजा ने पूरे नगर में घोषणा करवा दी कि कल पूरी जनता के लिए राजदरबार खोल दिया जायेगा। जो व्यक्ति सुबह आकर सबसे पहले जिस चीज़ को हाथ लगाएगा वो उसी की हो जाएगी।पूरे राज्य में ख़ुशी का माहौल छा गया। सारे लोग ख़ुशी से फूले …

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जादुई स्वाद

एक आदत सी हो गयी थी , कॉलोनी के शिव मंदिर के दर्शन के बाद ही कहीं बाहर जाती थी मैं , और… उसी तरह मंदिर की सीढ़ियां चढ़ते हुए पास के माली के क्वार्टर की ओर देखना भी.. मेरी उसी आदत में शुमार था … क्योंकि वहाँ का दृश्य ही कुछ ऐसा था, जिसे देखने के लिए मेरे कदम …

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श्री कृष्ण की मृत्यु का कारण

अपने पिता को यदुवंशियों के विनाश की सूचना देकर कृष्ण वन में अपने भाई बलराम के पास वापस लौट आये थे। यदुकुल की स्त्रियों की रक्षा का भार उन्होंने अपने सारथी बाहुक के माध्यम से अर्जुन पर छोड़ दिया था।अब इस धरा पर वे बस अपने भाई के साथ कुछ क्षण व्यतीत करना चाहते थे।बलराम एक वृक्ष के नीचे निश्चेष्ट …

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बोलती आंखें

पिता के लाख समझाने पर भी रंजन समझने को तैयार नहीं था ।’ बेटा! प्रद्युम्न ईमानदार है ,वह तुम्हारा पाई -पाई चूका देगा। मैं उसे बचपन से जानता हूं।’लड़की की शादी के बाद हाथ तंग हो हीं जाता है। इतना तैश में आकर चाचा का इज्ज़त लेना ठीक नहीं है। आखिरकार वह तुम्हारा अपना चाचा है। कोई ग़ैर नहीं। शालू …

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अहंकार छोड़िये और सीखना शुरू कीजिए

धरती पर जन्म लेने के साथ ही सीखने की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है ज्यों हम बड़े होते जाते हैं, सीखने की प्रक्रिया भी विस्तार लेती जाती है, जल्द ही हम उठना, बैठना, बोलना, चलना सीख लेते हैं। इस बड़े होने की प्रक्रिया के साथ ही कभी-कभी हमारा अहंकार हमसे अधिक बड़ा हो जाता है और तब हम सीखना छोड़कर …

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