खुश रहना मनुष्य का जन्मजात स्वाभाव होता है . आखिर एक छोटा बच्चा अक्सर खुश क्यों रहता है ? क्यों हम कहते हैं कि बचपन के दिन जिँदगी के सबसे अच्छे दिन होते हैं ? क्योंकि हम जन्म से खुश होते हैं ; पर जैसे -जैसे हम बड़े होते हैं और धीरे -धीर हमारी खुश रहने की आदत उदास रहने की आदत …
Read More »Do you Know?
Cute Letter from a newly married girl to her mother
प्रिय माँ, हर सामान्य लड़की की तरह, मैं बचपन के दिनों से ही शादी को लेकर उत्साहित थी। मैंने उस समय से आगे के बारे में कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने राजकुमार के साथ खुशी से बिताऊंगा। लेकिन आज जब मैं शादीशुदा हूं, तो मुझे एहसास है कि शादी सभी गुलाबों की नहीं है। यह आपके …
Read More »बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा. संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख …
Read More »खुश रहने वाले माफ़ करना जानते हैं और माफ़ी माँगना भी:
हर किसी का अपना -अपना ego होता है, जो जाने -अनजाने औरों द्वारा hurt हो सकता है. पर खुश रहने वाले छोटी -मोती बातों को दिल से नहीं लगाते वो माफ़ करना जानते हैं, सिर्फ दूसरों को नहीं बल्कि खुद को भी. और इसके उलट यदि ऐसे लोगों से कोई गलती हो जाती है, तो वो माफ़ी मांगने से भी …
Read More »नेवला या मेंढक (‘Bead or frog’)
समीर बहुत परेशान था। पिछले कुछ दिनों से एक के बाद एक उसे किसी न किसी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। कभी ऑफिस में बॉस के साथ बहस हो जाती तो कभी घर पर वाइफ से तो कभी उसे किसी कलीग की बात ठेस पहुंचा दे रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे …
Read More »सलाह लें ,पर संभल कर…”Get advice, but be careful …”
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. जो की लोगो के समूह के बीच मे रहता है ,इस समूह मे कई तरह के रिश्तो को वो निभाता है ! कुछ रिश्ते निस्स्वार्थ होते है ,जबकि अधिकतर रिश्तो की नीव स्वार्थ पर टिकी होती है! हम जो professional relation बनाते हैं, वो अधिकतर आदान प्रदान या यो कहें एक से दूसरे को ,और …
Read More »रिश्ते निभाने पर कहानी ‘Hindi Story on Relationships ‘
भैया का फोन सुनते ही बिना समय गंवाये रिचा पति के संग मायके पहुंच गई। मम्मी की सबसे लाडली बेटी थी वो। इसलिए अचानक मां की गम्भीर हालत को देख कर रेखा की आंखों से आंसुओं की झड़ी लग गयी। मां का हाथ अपने हाथों में थाम कर ” मम्मी sss ” सुबकते हुए बस इतना ही कह पायी रिचा।” …
Read More »समय का सदुपयोग ( Essay on Time)
समय, सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ …
Read More »साड़ी के टुकड़े
एक नगर में एक जुलाहा रहता था। वह स्वभाव से अत्यंत शांत, नम्र तथा वफादार था। उसे क्रोध तो कभी आता ही नहीं था। एक बार कुछ लड़कों को शरारत सूझी। वे सब उस जुलाहे के पास यह सोचकर पहुंचे कि देखें इसे गुस्सा कैसे नहीं आता? उन में एक लड़का धनवान माता-पिता का पुत्र था। वहां पहुंचकर वह बोला …
Read More »इंसान का सच्चा धन क्या ???
असल में यह धन ,बांग्ला -गाडी आदि हमारा सच्चा धन नहीं है। इंसान का सच्चा धन तो असल में कुछ और ही है। चलिए जानते हैं :- एक बार एक शक्तिशाली राजा घने वन में शिकार खेलने चला गया। अचानक ही आकाश में बादल छा गए और मूसलाधार वर्षा होने लगी। सूर्य अस्त होने लगा और धीरे-धीरे अँधेरा छाने लगा। …
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