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Bhajan/Aarti / Mantra/ Chalisa Lyrics

प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर

प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा . अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा .. जिसकी केवल कृपा दृष्टि से सकल विश्व को पलते देखा . उसको गोकुल में माखन पर सौ सौ बार मचलते देखा .. जिसके चरणकमल कमला के करतल से न निकलते देखा . उसको ब्रज की कुंज गलिन में …

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घूँघट का पट खोल रे

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~ घूँघट के पट खोल ~ घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे । घट घट मै तेरे साईं बसत है, कटुक बचन मत बोल रे । घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे । धन जोबन का गरब ना कीजे, झूठा इन का मोल । घूँघट के पट खोल रे, तोहे पिया मिलेंगे । जाग यतन से …

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बीत गये दिन

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बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे भजन बिना रे॥ बाल अवस्था खेल गवांयो। जब यौवन तब मान घना रे॥ लाहे कारण मूल गवाँयो। अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे॥ कहत कबीर सुनो भई साधो। पार उतर गये संत जना रे॥ wish4me

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हे गोविन्द राखो शरन

ab to shreemukh se govinda naam bol re

हे गोविन्द हे गोपाल हे गोविन्द राखो शरन,  अब तो जीवन हारे नीर पिवन हेत गयो सिन्धु के किनारे सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे चार प्रहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे द्वारका मे सबद दयो शोर भयो द्वारे शन्ख चक्र गदा पद्म गरूड तजि सिधारे सूर कहे श्याम सुनो शरण हम …

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जो घट अंतर हरि सुमिरे

जो घट अंतर हरि सुमिरै . ताको काल रूठि का करिहै जे चित चरन धरे .. हरि सुमिरे राम सिया राम जय जय राम सिया राम सहस बरस गज युद्ध करत भयै छिन एक ध्यान धरै . चक्र धरै वैकुण्ठ से धायै बाकी पैंज सरे  .. हरि सुमिरे राम सिया राम जय जय राम सिया राम जहँ जहँ दुसह कष्ट भगतन …

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हरि तुम हरो जन की भीर

मीरा, जिन्हें मीराबाई के नाम से भी जाना जाता है, 16 वीं सदी के हिंदू रहस्यवादी कवि और कृष्ण की भक्त थीं। उन्हें मूल रूप से ‘मिहिरा’ नाम दिया गया था, लेकिन अपनी कविता में उन्होंने अपना नाम परिवर्तित रूप में मीरा के कारण राजस्थानी लहजे में पेश किया और इसलिए मीरा के रूप में अधिक लोकप्रिय हो गईं। हरि …

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नाम जपन क्यों छोड़ दिया

नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्य बचन क्यों छोड दिया झूठे जग में दिल ललचा कर असल वतन क्यों छोड दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला लाल रतन क्यों छोड दिया जिन सुमिरन से अति सुख पावे तिन सुमिरन क्यों छोड़ दिया खालस इक भगवान भरोसे तन मन धन क्यों ना छोड़ दिया नाम …

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गुरुजी मैं तो एक निरंजन ध्याऊँ

गुरुजी, गुरुजी , गुरुजी , गुरुजी …. गुरुजी मैं तो एक निरंजन ध्याऊँ जी। दूजे के संग नहीं जाऊँ जी।। दुःख ना जानूँ जी मैं दर्द ना जानूँ  जी मैं । ना कोई वैद्य बुलाऊँ जी।। सदगुरु वैद्य मिले अविनाशी। वाको ही नाड़ी बताऊँ जी।। दूजे के संग नहीं जाऊँ जी।। गंगा न जाऊँ जी मैं जमना न जाऊँ जी मैं। ना कोई तीरथ …

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हरि तुम हरो जन की भीर

Hari Name Ka Pyala Bhajan

हरि तुम हरो जन की भीर, द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥ भगत कारण रूप नरहरि धर्‌यो आप सरीर ॥ हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्‌यो नाहिन धीर॥ बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥ दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥ मीरा बाई पद का हिंदी  अनुवाद : परम श्री कृष्ण भक्त मीरा बाई इश्वर से विनती करती हैं की हे इश्वर …

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हरि नाम सुमिर सुख धाम

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हरि नाम सुमिर हरि नाम सुमिरहरि नाम सुमिर सुख धामजगत में जीवन दो दिन का .जगत में जीवन दो दिन का .. सुंदर काया देख लुभायालाड़ करे तन का .छूटा साँस विगत भयी देहीज्यों माला मनका ..जगत में जीवन दो दिन का .. पाप कपट कर माया जोड़ीगर्व करे धन का .सभी छोड़ कर चला मुसाफिरवास हुआ वन का ..जगत …

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