आ गए आपके लाट साहब ?? " डाॅक्टर साहब आते हीं पुछे। वैसे तो डाॅक्टर साहब आठ बजे से पहले नहीं आते थे । आज कहीं बाहर जाना था तो जल् " काॅलेज से तो आ गया है। कहीं बाहर गया है।
Read More »Gyan Ganga
पूर्ण विराम
इतने सालों के बाद मेरे जीवन की मेहनत रंग लायी । आज एवार्ड लेते समय मेरी आँखों से निरन्तर खुशी के आँसू छलक रहे थे । मै कितना भी कोशिश कर रही थी परन्तु रूकने का नाम नही ले रहे थे ।
Read More »निर्धारण जन्म कुंडली
कालसर्प दोष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 18 फरवरी, शनिवार को है। ज्योतिष के अनुसार,जिन लोगों को कालसर्प दोष है,वे यदि इस दिन कुछ विशेष उपाए करें तो इस दोष से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है।* *कालसर्प दोष मुख्य रूप से 12 प्रकार …
Read More »वेद ही विज्ञान है
सौरमण्डल में नौ ग्रह है व सभी सूर्य की परिक्रमा लगा रहे है, व बह्ममाण्ड अनन्त है, ये हमारे पूर्वजों को बहुत पहले से पता था। रामचरित्र मानस में काक भुशुंडि - गरुड संवाद पढ़िये, बह्ममाण्ड का ऐसा वर्णन है, जो आज के विज्ञान को भी नहीं पता।
Read More »औरत पुरुष की हर परेशानी को हर लेती है
औरत, कुदरक का दिया हुआ वो वरदान है, जो जिंदगी मे आ जाये तो! अपने प्रेम की अमृत धारा से जीवन को प्रेम से भर देती है, हर जख्म पर प्यार का मरहम लगाकर जीवन संवार देती है!औरत का मन सागर की तरह गहरा होता है, जिसमे ना जाने कितने सुख, दुःख छुपाये रहती है, फिर भी अपने परिवार को …
Read More »चातुर्मास और आयुर्वेद का संबंध
चातुर्मास में मांसाहार भोजन, मदिरा, पत्तेदार सब्जियां और दही से परहेज करना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों चातुर्मास में इन चीजों का सेवन वर्जित माना गया है. इस बारे में आयुर्वेद में बताया गया है कि, चातुर्मास के चार महीने में मौसम में बदलाव होते हैं. सावन में बारिश होती है, भाद्रपद में आद्रता या नमी …
Read More »पवित्रीकरण मंत्र
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपिवा ।।यः स्मरेत्पुण्डरीकाक्षं स बाह्यभ्यन्तरः शुचिः ॥ॐ पुनातु पुण्डरीकाक्षः।।
Read More »जब भी आपका मन बहुत विचलित हो
जब भी आपका मन बहुत विचलित हो , सिर दर्द हो , थकान हो , शरीर से लेकर मन में शिथिलता हो , मन बहुत ही व्यग्र हो , आपको शांति चाहिए हो , तब एक काम कीजियेगा ।
Read More »श्री कृष्ण चालीसा
॥ दोहा॥बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम ।अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज ।जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ॥ ॥ चौपाई ॥जय यदुनंदन जय जगवंदन। जय वसुदेव देवकी नन्दन॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे। जय प्रभु भक्तन के दृग तारे॥ जय नट-नागर, नाग नथइया॥ कृष्ण कन्हइया धेनु चरइया॥ …
Read More »GAYATRI MANTRA KI SHAKTI || गायत्री मंत्र का जाप और उच्चारण विधि
GAYATRI MANTRA KI SHAKTI || गायत्री मंत्र का जाप और उच्चारण विधि
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