शहर के एक बड़े संग्रहालय के बेसमेंट में कई पेंटिंग्स रखी हुई थी। ये वे पेंटिंग्स थीं, जिन्हें प्रदर्शनी कक्ष में स्थान नहीं मिला था।लंबे समय से बेसमेंट में पड़ी पेंटिंग्स पर मकड़ियों ने जाला बना रखा था
Read More »Positive and Negative
छोटे बच्चे की कहानी
तुम्हे कुछ दिन से देख रहा हूं, यहां रोज गोलगप्पे की रेहड़ी लगाते हो, स्कूल क्यों नहीं जाते. शर्मा जी ने सड़क किनारे रेहड़ी लगाए 14-15 साल के लड़के से कहा
Read More »सही राह
“सुधा…… क्या हाल बना रखा है तुमने अपना, अब तो तुम्हारे बदन से भी मसाले की खुशबू आती है | मोहन ने बाथरुम से निकलते ही सुधा को देखा और गुस्से से बड़बड़ाने लगा | सुधा ने मोहन की ओर देखा और आँखे झुका ली | “नाश्ता तैयार है….मोहन चिल्लाते हुए बोला…गुस्सा अपनी चर्म सीमा पर था | “जी ….संक्षिप्त …
Read More »बाप ने सिखाया बेटे को सबक
पापा जी आपने पूरा घर ही गन्दा कर दिया| अभी अभी राधा ने पोछा मारा था और आपने चप्पलों के निशान छोड़ दिए| थोड़ी तो समझ होनी चाहिए आपको? आप बच्चे तो हैं नहीं बहू रिया के मुँह से ये शब्द सुनकर अनिल जी हतप्रभ से खड़े रह गए
Read More »राहचबेनी: एक अनूठी क़हानी
यह कहानी दिखाती है कि जीवन के अंत में भी कैसे एक इंसान दूसरों के लाभ के लिए कुछ कर सकता है। सावित्रीदेवी की इच्छा और मदन का समर्पण इस कहानी को अद्वितीय बनाता है।
Read More »पूनम पांडे की मौत या अफवाह
पूनम पांडे (11 मार्च 1991 – 1 फरवरी 2024) भारतीय मॉडलिंग और फिल्म जगत की एक प्रसिद्ध हस्ती थीं, जिन्होंने विशेष रूप से अपनी बोल्ड भूमिकाओं के लिए प्रसिद्धि प्राप्त की। उनका फिल्मी सफर 2013 में फिल्म ‘नशा’ के साथ शुरू हुआ था। यूपी के बिजनेसमैन की बेटी कैसे बनी मुंबई की बोल्ड एक्ट्रेस, एक बयान से रातों-रात फेमस हो …
Read More »स्मोक्ड कॉर्न (भुट्टा)बरसात भुट्टे व माइक्रोसॉफ्ट
भुट्टे में दाने अपनी जड़ों से जुड़े हुए होते हैं, शायद इसीलिए धरती मां का प्राकृतिक स्वाद अलग किए गए मक्के के दानों से दोबारा नहीं मिलता
Read More »तीर्थ का अर्थ
मां बाहर दरवाजे पर खड़ी हुई उसकी राह देख रही थी अंदर आकर हाथ मुंह धोकर दोनों ने भोजन किया तो मां ने उसे प्रसाद देते हुए कहा आज गली के मोड़ वाली सुमन भी वैष्णो देवी मंदिर दर्शन कर आई बस एक में ही हूं जो कोई तीर्थ .....
Read More »लंदन तक तखत हिला
मैंने ब्रिटिश राज में अपने लोगों को मरते-कटते देखा है। मुझे इस मृत्यु से डर नहीं लग रहा। मैं अपनी जन्मभूमि के स्वाभिमान की रक्षा के लिए मर रहा हूँ, इससे बड़ा सम्मान मेरे लिए क्या हो सकता है"
Read More »मीनाकुमारी भूत-प्रेतों पर भी विश्वास
अकेली थी। पूरी तरह से असहाय महसूस करते हुए, मैं भविष्य के बारे में सोच भी नहीं सकती थी जब मैंने एक सरसराहट की आवाज़ सुनी और अपने माथे पर एक हाथ महसूस किया। तभी एक धीमी आवाज़ ने मुझसे कहा: " हिम्मत रखो, डरो मत.'' मैं उठकर पापा के पास भागी
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