तुमने आगन नही बुहरा , कैसे आएँगे भगवानचंचल मान को नही संभाला , कैसे आएँगे भगवानतुमने आगन नही बुहरा , कैसे आएँगे भगवानचंचल मान को नही संभाला, कैसे आएँगे भगवानहर कोने कलमत कसे की लगी हुए है ढेरीनही ज्ञान की किरण कही हर कोठारी अंधारीअगन चौबारा अंधियारा,कैसे आएँगे भगवानतुमने आगन नही बुहरा, कैसे आएँगे भगवानहृदय तुम्हारा पिघल ना पाया, जब …
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केवट के भाग्य (Fate of Kevat)
श्रीराम के बार-बार मना करने पर भी अयोध्यावासी वापस नहीं लौट रहे थे। श्रीराम भी उनके दु:ख से दु: खी थे। पूरी रात अभी बाकी थी। तभी श्रीराम ने सुमन्त्र को रथ ले चलने के लिए कहा और सीता तथा लक्ष्मण के साथ अयोध्या वासियों को सोता हुआ छोड़कर वे चल दिए। जब राम, लक्ष्मण, सीता गंगा पार करने …
Read More »छोटा चार धाम
उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री को “छोटा चार धाम” कहा जाता है। इन चारों धार्मिक स्थलों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। यह चार धाम एक ही राज्य में होने के कारण भक्तों के लिए सुगम माने जाते हैं। माता दुर्गा और शिवजी से संबद्ध रखने वाले पर इन धार्मिक स्थलों को हिंदू श्रद्धालु पवित्र मानते हैं। मान्यता है …
Read More »काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (Kashi Vishwanath Temple, Varanasi) जनपद के काशी नगर में अवस्थित है। कहते है, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भोले बाबा के त्रिशूल पर विराजती है। इस मंदिर को कई बार बनाया गया। नवीनतम संरचना जो आज यहां दिखाई देती है वह 18वीं शताब्दी में बनी थी। कहा जाता है कि एक बार …
Read More »श्री शैलम ज्योतिर्लिंग
श्रीशैलम (श्री सैलम नाम से भी जाना जाता है) नामक ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश के पश्चिमी भाग में कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के मध्य श्री सैलम पहाड़ी पर स्थित है। यहां शिव की आराधना मल्लिकार्जुन नाम से की जाती है। मंदिर का गर्भगृह बहुत छोटा है और एक समय में अधिक लोग नहीं जा सकते। शिवपुराण के अनुसार भगवान कार्तिकेय को …
Read More »श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रान्त के द्वारकापुरी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यह स्थान गोमती द्वारका से बेट द्वारका जाते समय रास्ते में पड़ता है। इसके अतिरिक्त नागेश्वर नाम से दो अन्य शिवलिंगों की भी चर्चा ग्रन्थों में है। मतान्तर से इन लिंगों को भी कुछ लोग ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshvara Jyotirling) कहते हैं। इनमें से एक …
Read More »महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
उज्जैन में शिप्रा नदी के निकट स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling, Ujjain) देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से स्वयंभू भगवान महाकालेश्वर की पूजा-अर्चना करने वाले मनुष्य का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ पाते। महाकालेश्वर मंदिर की आरती (Mahakaleshwar Temple Bhasma Aarti) महाकालेश्वर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती के बारे …
Read More »जयति जगद्गुरु गुरुवर की
जयति जगद्गुरु गुरुवर की, गावो मिलि आरती रसिकवर की। गुरुपद-नख-मणि-चन्द्रिका प्रकाश, जाके उर बसे ताके मोह तम नाश। जाके माथ नाथ तव हाथ कर वास, ताते होय माया मोह सब ही निरास। पावे गति मति रति राधावर की, गावो मिलि आरती रसिकवर की॥ अरे मन मूढ़! छाँडु नारी नर हाथ, गुरु बिनु ब्रह्मा श्यामहूँ न देंगे साथ। कोमल कृपालु बड़े …
Read More »कैलाश मानसरोवर
कैलाश मानसरोवर को शिव-पार्वती का घर माना जाता है। सदियों से देवता, दानव, योगी, मुनि और सिद्ध महात्मा यहां तपस्या करते आए हैं। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार हिमालय जैसा कोई दूसरा पर्वत नहीं है क्योंकि यहां भगवान शिव का निवास है और मानसरोवर भी यहीं स्थित है। हर वर्ष मई-जून महीने में भारत सरकार के सौजन्य से सैकड़ों तीर्थयात्री कैलाश …
Read More »भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
शिव पुराण के अनुसार भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग (Bhimashankar Jyotirling in Pune) असम प्रान्त के कामरूप जनपद में ब्रह्मरूप पहाड़ी पर स्थित है। इस शिवलिंग को लेकर कई मतभेद हैं। वर्तमान में यह महाराष्ट्र में स्थित है। कहते हैं जो भी मनुष्य प्रतिदिन प्रातः काल उठकर इस ज्योतिर्लिंग से सम्बन्धित श्लोकों का पाठ करता हुआ शिवलिंग का ध्यान करता है, उसके सात …
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