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करवा चौथ का महत्त्व, कैसे हुई इस व्रत की शुरुआत

KARVA CHAUTH

करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। महिलाएं करवाचौथ का व्रत बड़ी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ करती हैं। जो अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व खुद के सौभाग्यवती होने की कामना करती हैं। करवा चौथ पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत है, इस बात को तो सभी जानते हैं। लेकिन हम यहां आपको इस …

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बिल्व वृक्ष का महत्त्व जानकर हैरान हो जाएंगे आप।

bilv vrksh

भगवान शिव से जुड़े होने के कारण बेल के पेड़ या बिल्व वृक्ष का भी काफी धार्मिक महत्त्व है। कहा जाता है कि भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। मंदिरों और घर के आसपास बेल का पेड़ होना शुभ माना जाता है। बिल्व अथवा बेल विश्व के कई हिस्सों में पाया जाने वाला वृक्ष है। भारत …

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स्वधर्म पर दृढ़ रहने से प्राप्त होते हैं सुपरिणाम

svadharm par drdh rahane se praapt hote hain suparinaam

एक दिन वन में प्यास से व्याकुल हो भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव पानी की तलाश में एक सरोवर पर पहुंचे, किंतु जैसे ही उन्होंने पानी पिया, तत्क्षण चारों की मृत्यु हो गयी। इधर युधिष्ठिर उन्हें खोजने के लिए निकले, तो चारों को सरोवर के किनारे मृत अवस्था में देखकर अत्यधिक दु:खी हुए। हताश युधिष्ठिर काफी देर तक शोकमग्न अवस्था …

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तुमने आगन नही बुहरा

Chatanya Maha Parbhu Valmiki

तुमने आगन नही बुहरा , कैसे आएँगे भगवानचंचल मान को नही संभाला , कैसे आएँगे भगवानतुमने आगन नही बुहरा , कैसे आएँगे भगवानचंचल मान को नही संभाला, कैसे आएँगे भगवानहर कोने कलमत कसे की लगी हुए है ढेरीनही ज्ञान की किरण कही हर कोठारी अंधारीअगन चौबारा अंधियारा,कैसे आएँगे भगवानतुमने आगन नही बुहरा, कैसे आएँगे भगवानहृदय तुम्हारा पिघल ना पाया, जब …

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केवट के भाग्य (Fate of Kevat)

Naiya le chal parli pr Bhajan

  श्रीराम के बार-बार मना करने पर भी अयोध्यावासी वापस नहीं लौट रहे थे। श्रीराम भी उनके दु:ख से दु: खी थे। पूरी रात अभी बाकी थी। तभी श्रीराम ने सुमन्त्र को रथ ले चलने के लिए कहा और सीता तथा लक्ष्मण के साथ अयोध्या वासियों को सोता हुआ छोड़कर वे चल दिए। जब राम, लक्ष्मण, सीता गंगा पार करने …

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छोटा चार धाम

उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री को “छोटा चार धाम” कहा जाता है। इन चारों धार्मिक स्थलों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। यह चार धाम एक ही राज्य में होने के कारण भक्तों के लिए सुगम माने जाते हैं। माता दुर्गा और शिवजी से संबद्ध रखने वाले पर इन धार्मिक स्थलों को हिंदू श्रद्धालु पवित्र मानते हैं। मान्यता है …

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काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग

KasheeVishvanath

श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग वाराणसी (Kashi Vishwanath Temple, Varanasi) जनपद के काशी नगर में अवस्थित है। कहते है, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भोले बाबा के त्रिशूल पर विराजती है। इस मंदिर को कई बार बनाया गया। नवीनतम संरचना जो आज यहां दिखाई देती है वह 18वीं शताब्दी में बनी थी। कहा जाता है कि एक बार …

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श्री शैलम ज्योतिर्लिंग

srisailam-jyotirlinga

श्रीशैलम (श्री सैलम नाम से भी जाना जाता है) नामक ज्योतिर्लिंग आंध्रप्रदेश के पश्चिमी भाग में कुर्नूल जिले के नल्लामल्ला जंगलों के मध्य श्री सैलम पहाड़ी पर स्थित है। यहां शिव की आराधना मल्लिकार्जुन नाम से की जाती है। मंदिर का गर्भगृह बहुत छोटा है और एक समय में अधिक लोग नहीं जा सकते। शिवपुराण के अनुसार भगवान कार्तिकेय को …

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श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात प्रान्त के द्वारकापुरी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है। यह स्थान गोमती द्वारका से बेट द्वारका जाते समय रास्ते में पड़ता है। इसके अतिरिक्त नागेश्वर नाम से दो अन्य शिवलिंगों की भी चर्चा ग्रन्थों में है। मतान्तर से इन लिंगों को भी कुछ लोग ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग (Nageshvara Jyotirling) कहते हैं। इनमें से एक …

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग

Dvadash Jyotirling

उज्जैन में शिप्रा नदी के निकट स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirling, Ujjain) देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से स्वयंभू भगवान महाकालेश्वर की पूजा-अर्चना करने वाले मनुष्य का काल भी कुछ नहीं बिगाड़ पाते। महाकालेश्वर मंदिर की आरती (Mahakaleshwar Temple Bhasma Aarti) महाकालेश्वर में प्रतिदिन सुबह होने वाली भस्म आरती के बारे …

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