म्हारा कीर्तन मे रस बरसाओ, बरसाओ, आओ जी गजानन आओ । ॐ गण गणपतये नमो नमः श्री सिद्धिविनायक नमो नमः अष्टविनायक नमो नमः गणपती बाप्पा मोरया रणत भंवर से आओ जी गजानन, रिद्धि सिद्धि ने संग प्रभु लाओ । आओ जी गजानन आओ… पार्वती के पुत्र गजानन, भोले शंकर के मन भाओ । आओ जी गजानन आओ… हम सबके प्रभु …
Read More »Religion Information
हम सब गातें हैं तेरी वंदना
तर्ज: जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया। हम सब गातें हैं तेरी वदंना, शिव के लाल गणेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा, मेरे अंग संग रहना हमेशा। नमामिः गणपत, नमामिः गजानन, नमामि देवो लम्बोदरा। नमामि: रिद्धी सिद्धी वर दाता, नमामिः गौरी सुत नंदना। हम सब गातें हैं तेरी वदंना, शिव के लाल गणेशा। मेरे अंग संग रहना हमेशा, मेरे …
Read More »गणपति गणेश मनायो मोरी देवा
ओह्ह सुन्न फ़रियाद पीरा देया पीरा, होर आख सुन्नावा कीनू तेन जहय मैनू होर ना कोई, ते मैं जहे लाख तेनु प्रथम गुरा जी को वंदना , द्वित्ये आध गणेश तृत्य सिमरिए शारदा, मेरे कंठ करो प्रवेश ‘ गणपति गणेश मनायो मोरी देवा जय जय तेरी जय हो गणेश किस जननी ने तुझे जनम देयो है, किस ने देयो उपदेश …
Read More »देखो फिर नवरात्रि आये
बही भक्ति की गंगा-यमुना, श्रद्धाओं के दीप जलाये। देखो फिर नवरात्रे आये। कोई माँ का भवन बुहारे, कोई तोरणद्वार सँवारे, यज्ञ-हवन में लगे सभी ही, लगा रहे माँ के जयकारे। भोग लगाता कोई माँ को, कोई चुनरी लाल चढ़ाये, देखो फिर नवरात्रे आये। अम्बर कितना चमक रहा है, मातामय हो दमक रहा है, मेघों का पानी भी जैसे, अमृत बनके …
Read More »गणपति गोरी जी के नंदन
गणपति गोरी जी के नंदन गणेश जी, मैं शरण तुम्हारी आया हूँ , मेरी रक्षा करो हमेश जी । सबसे पहले तुम्हे धयाऊँ , फिर देवों के दर्शन पाऊं । गज बदन मूसे की सवारी, गजब तुम्हारा भेस जी ॥ तुम हो रिद्धि-सिद्धि के दाता, तुम बिन ज्ञान कोई न पाता । हे गजानन विश्व विधाता, मन में करो प्रवेश …
Read More »सीता जी की आरती
सीता जी की आरती सीता बिराजथि मिथिलाधाम सब मिलिकय करियनु आरती। संगहि सुशोभित लछुमन-राम सब मिलिकय करियनु आरती।। विपदा विनाशिनि सुखदा चराचर,सीता धिया बनि अयली सुनयना घर मिथिला के महिमा महान…सब मिलिकय करियनु आरती।।सीता बिराजथि… सीता सर्वेश्वरि ममता सरोवर,बायाँ कमल कर दायाँ अभय वर सौम्या सकल गुणधाम…..सब मिलिकय करियनु आरती।। सीता बिराजथि… रामप्रिया सर्वमंगल दायिनि,सीता सकल जगती दुःखहारिणि करथिन सभक …
Read More »भैरव चालीसा
श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ। चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल। श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥ जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी- कुतवाला॥ जयति बटुक- भैरव भय हारी। जयति काल- भैरव बलकारी॥ जयति नाथ- भैरव विख्याता। जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥ भैरव रूप कियो शिव …
Read More »मां गंगा का धरती पर जन्म (Birth of maa Ganga on the Earth)
शास्त्रों के अनुसार माना गया है कि महाराजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों का उद्धार करने के लिए कठोर तप किया था और धरती के पाप कम करने के लिए मां गंगा को धरती पर लेकर आए थे. मां के जन्म की कथा बहुत ही प्रसिद्ध और पावन है. इसे सुनने से भी मां का आशीर्वाद भक्तों पर बना रहता है. …
Read More »अंजनी पुत्र हनुमानजी की जन्मकथा के बारे में (Birth story of Hanuman jee)
पुराणों में कथा है कि केसरी और अंजना के विवाह के बाद वह संतान सुख से वंचित थे. अंजना अपनी इस पीड़ा को लेकर मतंग ऋषि के पास गईं, तब मंतग ऋषि ने उनसे कहा- पप्पा (कई लोग इसे पंपा सरोवर भी कहते हैं) सरोवर के पूर्व में नरसिंह आश्रम है, उसकी दक्षिण दिशा में नारायण पर्वत पर स्वामी तीर्थ …
Read More »बाबा बैजनाथ धाम की कथा
भगवान शिव के भक्त रावण और बाबा बैजनाथ की कहानी बड़ी निराली है. पौराणिक कथा के अनुसार दशानन रावण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए हिमालय पर तप कर रहा था. वह एक-एक करके अपने सिर काटकर शिवलिंग पर चढ़ा रहा था. 9 सिर चढ़ाने के बाद जब रावण 10वां सिर काटने वाला था तो भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर …
Read More »