यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन मेे होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना सुनी जाती है जो इस प्रकार है- कहते हैं कि एक बार राजा भोज की सभा में एक व्यापारी ने प्रवेश किया। राजा ने उसे देखा तो देखते ही उनके मन में …
Read More »Story Katha
इसीलिए कभी न छोड़ें आत्म संयम
बोधिसत्व (बुद्धत्व पाने के लिये बौधिसत्व को दस अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उस व्यक्ति के बोधिसत्व कहा जाता है। बोधिसत्व किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है।) का जन्म वाराणसी के बंजारों के यहां हुआ था। उस समय बंजारों का काम था खाने पीने और जरूरत में आने वाली अन्य वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक …
Read More »धर्म की निंदा होने पर दिया उचित तर्क
बात उस समय की है जब स्वामी विवेकानंद पूना (वर्तमान में पुणे) गए हुए होते थे। वह रेलगाड़ी से वहां जा रहे थे। तभी वहां कुछ शिक्षित लोगों ने अंग्रेजी भाषा में सन्यासियों की निंदा करना शुरू कर दी। उन्हें लगा कि स्वामी जी को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ने होने के चलते वह नहीं समझ पाएंगे। चर्चा जब रुकने …
Read More »ज़िन्दगी में अच्छी बातों पर ध्यान देने की सीख देती
एक दिन एक प्रोफ़ेसर अपनी क्लास में आते ही बोला, “चलिए, surprise test के लिए तैयार हो जाइये। सभी स्टूडेंट्स घबरा गए…कुछ किताबों के पन्ने पलटने लगे तो कुछ सर के दिए नोट्स जल्दी-जल्दी पढने लगे। ये सब कुछ काम नहीं आएगा….”, प्रोफेसर मुस्कुराते हुए बोले, “ मैं question paper आप सबके सामने रख रहा हूँ, जब सारे पेपर बट …
Read More »ईश्वर में विश्वास रखने की सीख देती प्रेरक कहानी
4 साल से किशनगढ़ गाँव में बारिश की एक बूँद तक नहीं गिरी थी। सभी बड़े परेशान थे। हरिया भी अपने बीवी-बच्चों के साथ जैसे-तैसे समय काट रहा था। एक दिन बहुत परेशान होकर वह बोला, “अरे ओ मुन्नी की माँ, जरा बच्चों को लेकर पूजा घर में तो आओ…” बच्चों की माँ 6 साल की मुन्नी और 4 साल के राजू …
Read More »किसी को भी कमतर न आंके
एक बार चौड़े रास्ते ने पगडंडी से कहा, ‘मुझे लगता है कि तुम मेरे आसपास ही चलती हो।’ पगड़ंगी ने विनम्रता से कहा, ‘नहीं मालूम, तुम्हारे रहते लोग मुझ पर ही चलना क्यों पसंद करते हैं। जब कि मैं तुमसे काफी छोटी हूं।’ उसी समय संयोगवश एक वाहन आकर रुका। सामने एक छोटा सा पुल था। जिस पर बोर्ड लगा …
Read More »आध्यात्मिक हिंदी कहानी
प्रातः काल का समय था। गुरुकुल में हर दिन की भांति गुरूजी अपने शिष्यों को शिक्षा दे रहे थे। आज का विषय था- “आत्मा” आत्मा के बारे में बताते हुए गुरु जी ने गीता का यह श्लोक बोला – अर्थात: आत्मा को न शस्त्र छेद सकते हैं, न अग्नि जला सकती है, न जल उसे गला सकता है और न …
Read More »चुनैतियों पर काबू पाने की सीख देती प्रेरणादायक कहानी
बादल अरबी नस्ल का एक शानदार घोड़ा था। वह अभी 1 साल का ही था और रोज अपने पिता – “राजा” के साथ ट्रैक पर जाता था। राजा घोड़ों की बाधा दौड़ का चैंपियन था और कई सालों से वह अपने मालिक को सर्वश्रेष्ठ घुड़सवार का खिताब दिला रहा था. बादल भी राजा की तरह बनना चाहता था…लेकिन इतनी ऊँची-ऊँची और …
Read More »आदमकद
सूरज को पुलिस महकमे में आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था. उस ने एक महीने पहले ही थाने का चार्ज लिया था. एक दिन की बात है. सूरज तैयार हो रहा था. आज वह बहुत ही जल्दी में था, क्योंकि मंत्रीजी आ रहे थे. उसे ठीक 11 बजे सर्किट हाउस पहुंचना था. वहीं मंत्रीजी जिले के सभी अफसरों की …
Read More »दिए हुए वचन को पूरी तरह निभाया राम मनोहर लोहिया ने
राममनोहर लोहिया अपने वचन के पक्के थे। वह जो एक बार कह देते, उस पर टिके रहते थे। एक रात वह अपने एक मित्र के साथ कार में घूमने निकले। लोहिया जी तेजी से गाड़ी चला रहे थे। सामने सड़क पर एक किसान बिना लाइट की मोटरगाड़ी में सब्जियां रखकर ला रहा था। लोहिया जी की गाड़ी किसान की गाड़ी …
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