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Gyan Ki Baat

मधुराष्टकम्

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अधरं मधुरं वदनं मधुरंनयनं मधुरं हसितं मधुरम् ।हृदयं मधुरं गमनं मधुरंमधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ॥ ॥वचनं मधुरं चरितं मधुरंवसनं मधुरं वलितं मधुरम्..

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सती सुलोचना की कथा

सुलोचना वासुकी नाग की पुत्री और लंका के राजा रावण के पुत्र मेघनाद की पत्नी थी। लक्ष्मण के साथ हुए युद्ध में मेघनाद का वध हुआ।

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पति-पत्नी की कहानी

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जानकी...आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार बार छत पर जाती हो ...कयी बार छत से चढ़ते उतरते हुए देखकर आखिरकार रामेश्वर बाबू ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया.. कुछ नहीं

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असीम संतोष

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एक दूकान पर लस्सी का ऑर्डर देकर हम सब दोस्त- आराम से बैठकर एक दूसरे की खिंचाई और हंसी-मजाक में लगे ही थे कि, लगभग 70-75 साल की बुजुर्ग स्त्री पैसे मांगते हुए हमारे सामने हाथ फैलाकर खड़ी हो गई

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पंडित जी और लोभ का पाठ

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पाप का गुरुएक समय की बात है। एक पंडित जी कई वर्षों तक काशी में शास्त्रों का अध्ययन करने के बाद गांव लौटे। पूरे गांव में शोहरत हुई कि काशी से शिक्षित होकर आए हैं और धर्म से जुड़े किसी भी पहेली को सुलझा सकते हैं। शोहरत सुनकर एक किसान उनके पास आया और उसने पूछ लिया- पंडित जी आप …

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किन्नर की बद्दुआ

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एक दिलचस्प कहानी जो जीवन के चुनौतियों, व्यक्तिगत कठिनाइयों और आत्म-परिश्रम की दुनिया को खोलती है। जहां जीवन के चुनौतीभरे पथों पर असली......

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अकड़ता का परिणाम

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दीपेश एक राजपत्रित अधिकारी का इकलौता बेटा था... नौकर चाकर ,गाड़ी ,बंगला सभी सुविधाएं प्राप्त थीं ...दीपेश के पिता एक ईमानदार, सरल हृदय अधिकारी थे...इसके विपरीत दीपेश एक घमंडी इंसान था जो अपने पिता के पद के घमंड में रहता था। वह किसी से सीधे मुंह बात नहीं करता था

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चतुर चालाक कुटिल

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चतुर,चालाक, कुटिल,फरेबी इंसान को साधारण बुद्धि वाले स्त्री पुरूष नहीं समझ सकते और उनकी बातों में आ जाते हैं!

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बैसाखी बीमा की

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अनवरत प्रयास के बाद भी प्रीति के मानष पटल से वह घटना हट नहीं पा रही थी, जब उसका जीवन साथी पीयूष, दो अबोध बच्चों का लालन-पालन तथा दो वृद्ध जन अर्थात माँ-पिताजी की सेवा-शुश्रूषा, देखभाल की जिम्मेदारी छोड़, परमात्मा के चरण शरण को चला गया। यूँ तो पिछले चार-पाँच माह से पीयूष रोगग्रस्त था पर प्रीति के मन में …

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