भ्रष्ट्राचारियों के साथ कैसा बर्ताव होना चाहिए, उसका उदाहरण हमारे इतिहास में घटी एक घटना से मिलता है। यह सजा भी किसी राजा या सरकार द्वारा नही बल्कि उसके परिजन द्वारा ही दी गई।
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रेहान अहमद का दिल को छूता लेख
एक समय आया जब तौसीफ अली ने स्वीकार कर लिया कि शायद ये खेती किसानी ही उनका मुकद्दर है, प्रोफेशनल क्रिकेट के लिए देर हो चुकी है
Read More »मेरे प्राण माँग लो, लेकिन मोबाइल नम्बर नहीं दूँगा
मोबाइल नम्बर के दुरुपयोग अपनी Privacy को समझिये और cyber crime से बचने के लिये ज़रूर पढ़े। एक भाई शर्ट खरीदने के लिये एक प्रतिष्ठित शो रूम के लिए गाड़ी से जा रहा था कि फोन की घण्टी बज उठी,“सर, महावीर होटल से बोल रहे हैं, हमारे यहाँ गुजराती-फ़ूड-फेस्टिवल चल रहा है।पिछली बार भी आप आये थे। आप विजिटर बुक …
Read More »झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
बुंदेला वीर महाराजा मर्दन सिंह जूदेव व बाबू वीर कुंवर सिंह जैसे अनेक स्वतंत्रता सेनानी भारत देश की स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजो के विरूद्ध विगूल फूंक ,अंग्रेजो के नाक में दम कर रखा था !!
Read More »एक वरिष्ठ वकील 46 दोषियों को मौत की सजा (फांसी) से बचाने के लिए बहस कर रहा था
तभी उसका सहायक अंदर आया और उसे एक छोटा सा कागज दिया, वकील ने इसे पढ़ा और अपनी जेब के अंदर रखा और अपनी बहस जारी रखी...,,लंच ब्रेक के दौरान,
Read More »हाथ से डुलाने वाला पंखा
एक रस्सी द्वारा कोई प्राणी डुलाता रहता।चूँकि विद्युतीकरण उस समय हुआ नहीं था हाथ से डुलाने वाला ये पंखा बड़े अमीर वर्ग में ख़ासा प्रचलन में था। अंग्रेज़ी हुकूमत के दौरान ऐसे पंखों का खूब प्रयोग हुआ। अनेक भारतीय मज़दूर को पंखा डुलाने के लिए अंग्रेज़ी अफ़सर रखते थे।
Read More »जॉनी वाकर
गुरु दत्त ने तुरंत कहा, ‘तो कहो ना’। जॉनी वाकर ने कहा कि एम सादिक एक फिल्म बनाना चाहता है, लेकिन उसकी हालत कुछ ठीक नहीं है। हम सबको मिलकर उसका साथ देना होगा। तुम भी इस फिल्म में काम कर लो, लेकिन सुनो थोड़ा कोआपरेट करना होगा।
Read More »कर्मा जरूर लौटता है
एक बुजुर्ग आदमी भुख से व्याकुल था,वो एक तालाब पर जाता है और बड़ी मशक्कत से एक मछली पकड़ता है कि चलो इससे मैं भूख मिटा सकुंगा।
Read More »राजा हठी सिंह
दिल्ली के मुग़ल बादशाह फर्खुसियार द्वारा नियुक्त मेवात सूबेदार सैय्यद गैर मुस्लिम प्रजा पर अत्याचार करता था| उसके आतंक से तंग होकर मेवात के हिन्दुओ का एक दल सौंख रियासत के विद्रोही जाटों से मदत मांगने के लिए दिसम्बर 1715 ईस्वी में पाण्डववंशी महारजा अनंगपाल तोमर के वंशज राजा हठी सिंह के दरबार मे पहुँचा।।।राजा हठी सिंह ने मेवात के …
Read More »महाराणा प्रताप
उनके कद,उनके वजन ,उनके भाले,उनके घोड़े पर लिखते हुए! क्या इसी आधार पर कोई व्यक्ति सम्मानित हो जाता है ? व्यक्ति सम्मान का पात्र होता है अपने कर्म और चरित्र की वजह है ।
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