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Poem / Kavita

औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,

औरत को आईने में यूँ उलझा दिया गया,बखान करके हुस्न का, बहला दिया गया.ना हक दिया ज़मीन का, न घर कहीं दिया,गृहस्वामिनी के नाम का, रुतबा दिया गया.छूती रही जब पाँव, परमेश्वर पति को कह,फिर कैसे इनको घर की, गृहलक्ष्मी बना दिया.चलती रहे चक्की और जलता रहे चूल्हा,बस इसलिए औरत को, अन्नपूर्णा बना दिया.न बराबर का हक मिले, न चूँ …

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माँ कभी वापिस नहीं आती है

माँ जैसा भी कोई नहीं है.उम्र – दो साल — मम्मा कहाँ है ? मम्मा को दिखा दो, मम्मा को देख लूँ, मम्मा कहाँ गयी ?… उम्र – चार साल* — मम्मी कहाँ हो ? मैं स्कूल जाऊँ ? अच्छा bye मुझे आपकी याद आती है स्कूल में… उम्र – आठ साल* — मम्मा, लव यू, आज टिफिन में क्या …

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महादेवी वर्मा की एक कविता

मैं हैरान हूँ ” –इतिहास में छिपाई गई,-महादेवी वर्मा की एक कविता ” मैं हैरान हूं यह सोचकर ,किसी औरत ने क्यों नहीं उठाई उंगली ?तुलसी दास पर ,जिसने कहा ,“ढोल ,गंवार ,शूद्र, पशु, नारी,ये सब ताड़न के अधिकारी।” मैं हैरान हूं ,किसी औरत नेक्यों नहीं जलाई “मनुस्मृति”जिसने पहनाई उन्हेंगुलामी की बेड़ियां ? मैं हैरान हूं ,किसी औरत ने क्यों …

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आइये आपको “आइये आपको “धरती पर भगवान हैं प्रमाणिकता सिद्ध किये गये लोगो के अनुभव देखे व परखे :-

१.👉🏻 “अमर नाथ जी” में शिव लिंग अपने आप बनता है ।२.👉🏻 “माँ ज्वालामुखी” में हमेशा ज्वाला निकलती है ।३.👉🏻 “मैहर माता मंदिर” में रात को आल्हा अब भी आते हैं ।४.👉🏻 सीमा पर स्थित “तनोट माता मंदिर” में 3000 बम में से एक का भी ना फूटना ।५.👉🏻 इतने बड़े हादसे के बाद भी “केदार नाथ मंदिर” का बाल …

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मारे कंकरिया काहे को फोड़ी मटकी

Makhan Chor-kanha

कान्हा कौन तुझे सम्जाये तुझको लाज शर्म न आयेचोरी करके माखन खाए काहे हम को रोज सताएमेरी पकड़ी कल्हाई कान्हा क्यों झटकेमारे कंकरिया काहे को फोड़ी मटकी………. माखन तो है एक बहाना क्यों तुम करते जोर जोरी,तेरे हाथ नही आऊगी मैं हु बरसाने की छोरीबोलो जरा बोलो जरा जुबा क्यों अटकीमारे कंकरिया काहे को फोड़ी मटकी………. घर में लाखो गैया …

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संसार के सात सुख :-

SABSE-BADA-SUKH

हमारे अंदर सुख की कामना ही क्यों उठती है ? हम सब जीवों का एक लक्ष्य है। सुख मिले। वो सुख कहाँ है ? कहाँ मिलेगा ? संसार का सबसे बड़ा सुख क्या है ? सुख के पीछे … 1️⃣ पहला सुख निरोगी काया       (शरीर का स्वस्थ रहना पहला सुख माना गया है, क्योंकि यदि स्वास्थ्य‌ अच्छा नहीं है …

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सिक्का वही उछाला जाए

टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। इसके बाद ही उनकी तस्वीर के साथ वाहिद अली वाहिद की पंक्तियां साझा होने लगीं। वह विशेष पंक्तियां हैं कि – दोनों ओर लिखा हो भारत, सिक्का वही उछाला जाए, तू भी है राणा का वंशज, फेंक जहां तक भाला जाए। वाहिल अली वाहिद का इसी साल 59 की उम्र में …

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गुडिया की कीमत

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एक 6 वर्ष का लडका अपनी 4 वर्ष की छोटी बहन के साथ बाजार से जा रहा था…अचानक से उसे लगा कि उसकी बहन पीछे रह गयी है।वह रुका, पीछे मुडकर देखा तो जाना कि, उसकी बहन एक खिलौने के दुकान के सामने खडी कोई चीज निहार रही है।लडका पीछे आया और बहन से पूछा- “कुछ चाहिये तुम्हे ?”लडकी ने …

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पेड़ लगाएं हम हर बार

archana-moli

तपती धरती करे यह पुकारमत काटो तुम पेड़ हर बार। पेड़ तुम्हें देते कोई दुख क्या?यह तो है गुणों का भंडार। जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं पेड़धूप में छाया देते हैं पेड़। जड़ी-बूटियां, फल और फूलप्रदूषण दूर भगाते हैं पेड़। भू विसर्जन से बचाते हैं पेड़प्रदूषण दूर भगाते हैं पेड़। है मानव! पेड़ करे तुमसे यह पुकारमत काटो तुम …

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आई दिवाली, आई दिवाली

archana-moli

आई दिवाली, आई दिवालीखुशियों का त्योहार है दिवाली। दीपों का त्योहार है दिवालीरंगों की बहार है दिवाली। अंधियारे को यह दूर भगातीजगमग-जगमग उजियारे यह करती। मत छोड़ो तुम बम-पटाखेखूब प्रदूषण ये फैलाते। जानवर, पक्षी सब इनसे डरतेछुपते, फिरते मारे-मारे। बीमारों को भी ये खूब सतातेमत चलाओ तुम ऐसे पटाखे। इस दिवाली प्रण करें हम सारेनहीं चलाएंगे हम बम-पटाखे। आओ मिलकर …

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