Breaking News

story of sanskriti

राष्ट्रधर्म!!

यह बात सन 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की है। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में सलोन तहसील है। वहां पर एक अंग्रेज अधिकारी की नियुक्ति थी। पूरे भारत की तरह सलोन में भी क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। जब अंग्रेज अधिकारी को अपने और परिवार के जीवन पर संकट नजर आने लगा। तब उसने लखनऊ …

Read More »

गुरु की महिमा – Guru ki mahima!!

मूलशंकर बेहद ही गरीब परिवार में पले – बढ़े उनका पालन – पोषण अभावग्रस्त रहा गुरुकुल में किसी प्रकार दाखिला मिला मूला शंकर पढ़ने में बड़े ही मेधावी छात्र थे। वह अन्य छात्रों से अलग विचार रखते थे और पढ़ने तथा समाज के बारे में वह विशेष अध्ययन किया करते थे। शिक्षा गुरुकुल स्तर से जब पूर्ण हुई सभी शिष्य …

Read More »

जीवन बदलने वाली गुरु की शिक्षा!!

गुरु रामस्वरूप अपने शिष्यों के साथ आश्रम के लिए भिक्षाटन पर निकले थे। वह अपने गुरुकुल में भोजन की व्यवस्था भिक्षा मांग कर ही किया करते थे।जब वह एक कस्बे से दूसरे कस्बे की ओर जा रहे थे, रास्ते में खेत-बधार मिलने लगे। किसी खेत में हरी-भरी फसल खड़ी तो कोई खेत बंजर नजर आ रहा था। ऐसे ही एक …

Read More »

पत्नी स्वर्ग का साधन है

कश्यपस्मृति में कहा गया है, दाराधीना क्रियाः स्वर्गस्य साधनम्। तीर्थयात्रा, दान, श्राद्धादि जितने भी सत्कर्म हैं, वे सभी पत्नी के अधीन हैं। अतः पत्नी स्वर्ग का साधन है। यह भी कहा गया है कि नास्ति भार्यासमं तीर्थम् अर्थात् पत्नी साक्षात् तीर्थ है। स्वामी सत्यमित्रानंदगिरिजी धर्म प्रचार के लिए अमेरिका गए, तो एक अमेरिकी ने उनसे पूछा, ‘क्या भारत में पति …

Read More »

Shri radha chalisha

श्री राधे वुषभानुजा भक्तनि प्राणाधार वृन्दाविपिन विहारिणी प्रानावौ बारम्बार जैसो तैसो रावरौ कृष्ण प्रिय सुखधाम चरण शरण निज दीजिये सुन्दर सुखद ललाम जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा कीरति नंदिनी शोभा धामा नित्य विहारिणी श्याम अधर अमित बोध मंगल दातार रास विहारिणी रस विस्तारिन सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी नित्य किशोरी राधा गोरी श्याम प्रन्नाधन अति जिया भोरी करुना सागरी हिय …

Read More »

हमारे पूर्वज अत्यंत दूरदर्शी थे।

उन्होंने हजारों वर्षों पूर्व वेदों व पुराणों में महामारी की रोकथाम के लिए परिपूर्ण स्वच्छता रखने के लिए स्पष्ट निर्देश दे कर रखें हैं- 1. लवणं व्यञ्जनं चैव घृतं तैलं तथैव च । लेह्यं पेयं च विविधं हस्तदत्तं न भक्षयेत् ।। – धर्मसिन्धू ३पू. आह्निक नामक, घी, तेल, चावल, एवं अन्य खाद्य पदार्थ चम्मच से परोसना चाहिए हाथों से नही। …

Read More »

प्रभु को प्रत्येक क्षण याद रखें

गजब मेरे खाटू वाले

डॉक्टर साहब ने स्पष्ट कह दिया, “जल्दी से जल्दी प्लाज्मा डोनर का इंतजाम कर लो नही तो कुछ भी हो सकता हैं” रोहन को अब तो कुछ भी नही सूझ रहा था, मां फफक फफक कर रो रही थी और सामने बेड पर थे बाबूजी जो बेहद ही सीरियस थे सब जगह तो देख लिया था सबसे गुहार कर ली …

Read More »

काम का अर्थ होता है

मित्रों कामदेव के तेरह तथ्य जानकर चौंक जाएंगे आप!!! हिन्दू धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में से एक काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से। …

Read More »

Mangal failaye tera naam hari

मंगल फैलाए तेरा नाम हरितेरे नाम में आनंद आ जाएदुःख चिंता सब मिट जाएतेरे नाम में मन जो लग जाए| निर्मलता हरि नाम से मिलतीजप से भाग्य की रेखा बदलतीउसका जीवन धन्य हैं होतागुरुदीक्षा जिसे मिल जाएहरि नाम में आनंद आ जाए| जो भी मुख से नाम हैं जपतानाम जपने से पाप हैं मिटताबिगड़ी बने उसकी जीवन मेंहरि हरि जो …

Read More »

Radha thik nhi hai tera roj der me aana

राधे ठीक नहीं है तेरा रोज देर में आना,बड़ा मुस्किल होता है कान्हा रोज बहाने लगाना, अरे पनघट आजा आखिर राधा लेके बहाना पानी का,रोज मैया न भेज के राजी केहती  आज तुझे  नही जाना,राधे ठीक नहीं है तेरा रोज देर में आना| कभी कभी तू आजा आकर रोज मुझे क्यों बुलाता है,मैं बरसाने आऊंगा तो पड़े दूसरा भेष बनाना,बड़ा …

Read More »