अचानक एक शैतानी ख्याल उसके दिमाग में आया "दिन रात मेहनत मैंने की है और उस अमीर आदमी ने कोई भी काम नहीं किया सिवाय मुझे अवसर देने की मैं उसे ये 10% क्यूँ दूँ ,वो इसका हकदार बिलकुल भी नहीं है
Read More »strory
वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र
विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र (ऋषि मुनियों द्वारा किया गया अनुसंधान सम्पूर्ण विश्व का सबसे बड़ा और वैज्ञानिक समय गणना तन्त्र यहीं है जो हमारे देश भारत में बना हुआ है । ये हमारा भारत जिस पर हमे गर्व होना चाहिये l
Read More »चालाक बुढ़िया
” मैनेजर ने पूछा :- कितने हैं ? वृद्धा बोली :- होंगे कोई दस लाख । मैनेजर बोला :- वाह क्या बात है , आपके पास तो काफ़ी पैसा है , आप करती क्या हैं ? वृद्धा बोली :- कुछ खास नहीं , बस शर्तें लगाती हूँ । मैनेजर बोला :- शर्त लगा-लगा कर आपने इतना सारा पैसा कमाया है ?
Read More »एक कलेक्टर ऐसा भी
80 साल की बूढ़ी माता। घर में बिल्कुल अकेली। कई दिनों से भूखी। बीमार अवस्था में पड़ी हुई। खाना-पीना और ठीक से उठना-बैठना भी दूभर। हर पल भगवान से उठा लेने की फरियाद करती हुई। खबर तमिलनाडु के करूर जिले के कलेक्टर टी अंबाजगेन के कानों में पहुंचती है।
Read More »आजादी के लिए कुर्बानी दी हैं
उस बेटे को ये माँ प्यार से चंदू कहती थी और दुनियां उसे “ आजाद “ जी हाँ ! चंद्रशेखर आजाद के नाम से जानती हैं।
Read More »पुरुषोतम मास /अधिक मास माहात्म्य अध्याय – 7
सूतजी बोले:- हे तपोधन! आप लोगों ने जो प्रश्न किया है वही प्रश्न नारद ने नारायण से किया था सो नारायण ने जो उत्तर दिया वही हम आप लोगों से कहते हैं ॥ १ ॥ नारदजी बोले:- विष्णु ने अधिमास का अपार दुःख निवेदन करके जब मौन धारण किया तब हे बदरीपते! पुरुषोत्तम ने क्या किया? सो इस समय आप …
Read More »यादों के खज़ाने: एक अनमोल संग्रह
मेरे पास इधर उधर जाने के लिए फ़ालतू का टाइम नहीं है। आपको पता है ना मेरा टाइम कितना कीमती है।" मैं बिफ़र पड़ा। आये दिन माँ का यही सब चलता रहता है। कभी अपने पास बिठला कर खाना खाने को बोलेंगीं कभी पार्क में साथ टहलने को। रात में तो अक्सर वो मुझे टी वी देखने के बहाने सारे दिन की बातें सुनाने के लिए अपने पास बुलाएंगी। पता नहीं क्या चाहतीं हैं। बड़ा हो गया हूँ जरा सा लल्ला नहीं हूँ जो हरदम उनके आगे पीछे घूमता रहूँ। "बेकार का टाइम नहीं है। बहुत कीमती है मेरा टाइम।" हर बार ऐसा ही टका सा जवाब देकर पल्ला झाड़ लेता। माँ भी हर बार सुना अनसुना करके अपने काम में लग जातीं पर आज माँ को शायद कुछ बुरा, बहुत बुरा सा लगा। वो चुपचाप अपने कमरे में चलीं गयीं।
Read More »बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल
किंतु अम्मा ही बाबूजी को यह कह कर रोक देती थी कि 'कहाँ वहाँ बेटे बहू की ज़िंदगी में दखल देने चलेंगे। यहीं ठीक है। सारी जिंदगी यहीं गुजरी है और जो थोड़ी सी बची है उसे भी यहीं रह कर काट लेंगे। ठीक है न!'
Read More »मैं भी तो ब्राह्मण हूं
, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे। संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मेंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं। जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्त) जी से अनुमति लेनी होगी,
Read More »सौ रोगों की एक दवाई हवा धूप मेरे भाई
प्राकृतिक चिकित्सा का यह उद्घोष वाक्य संसार के पुस्तकालय की सबसे प्राचीनतम पुस्तकों में से एक अर्थववेद से निकला | साफ हवा ,सूर्य का प्रकाश सबसे बड़ा डिसइनफेक्टेंट है… संक्रमण , संक्रमण के लिए जिम्मेदार कारकों को नष्ट करने वाला| सनातन वैदिक संस्कृति में सूर्य को जड़ देवताओं में पिता की संज्ञा दी गई है पिता… का संस्कृत धातु में …
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