एक समय की बात है रामपुर गांव में बलदेव नाम का एक किसान रहता था। उसकी एक बेटी मीना थी जो बहुत सुन्दर और होशियार थी। बलदेव के खेत जमींदार के पास गिरवी थे। बलदेव खेतों में मेहनत करके घर का गुजारा चलाता था। उसने 3-4 महीने खेत में काम करके एक फ़सल उगाई थी। जो फ़सल अब पक कर …
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इंसानियत और अच्छाई
ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में फ्लेमिंग नाम का एक गरीब किसान था। एक दिन वह अपने खेत पर काम कर रहा था। अचानक पास में से किसी के चीखने की आवाज सुनाई पड़ी । किसान ने अपना साजो सामान व औजार फेंका और तेजी से आवाज की तरफ लपका। आवाज की दिशा में जाने पर उसने देखा कि एक बच्चा दलदल …
Read More »पूरा थाना हुआ सस्पेंड
जब एक किसान गंदे कपड़े पहन थाने में पहुंचा…थाने में कुछ ऐसा हुआ कि पूरा_थाना_हुआ_सस्पेंड… _______ सन 1979 की बात है। शाम 6 बजे एक किसान इटावा ज़िला के ऊसराहार थाने में मैला कुचैला कुर्ता धोती पहने पहुँचा और अपने बैल की चोरी की रपट लिखाने की बात की। छोटे दरोग़ा ने पुलिसिया अंदाज में 4 आड़े-टेढ़े सवाल पूछे और …
Read More »बोले हुए शब्द वापस नहीं आते
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा. संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख …
Read More »काम को खुद करने की ठान लेता है तो जरूर पूरा होता है
एक चिड़िया ने एक खेत में खड़ी फसल के बीच घोंसला बना कर अंडे दिए। उनसे समय आने पर दो बच्चे निकले। चिड़िया दाना चुगने के लिए रोज जंगल जाती। इस बीच उसके बच्चे अकेले रहते थे। चिड़िया लौटती तो बच्चे बहुत खुश होते और उसका लाया चुग्गा खाते। एक दिन चिड़िया ने देखा बच्चे बहुत डरे हुए हैं। उन्होंने …
Read More »सवा सेर गेहुँ – मुंशी प्रेमचंद जयंती पर विशेष
प्रेमचंद हिंदी के प्रसिद्ध और महान कहानीकार हैं। आपका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के पास लमही नामक गॉव में हुआ था। आपने अपनी कहानियों के माध्यम से उस समय की सामाजिक अव्यवस्था का चरित्र-चित्रण बहुत यर्थात तरीके से किया है। प्रेमचंद जी ने शोषित-वंचित किसान की दयनीय स्थिति को अपनी कहानी सवा सेर गेहुँ में व्यक्त किया है। सवा सेर …
Read More »दिए हुए वचन को पूरी तरह निभाया राम मनोहर लोहिया ने
राममनोहर लोहिया अपने वचन के पक्के थे। वह जो एक बार कह देते, उस पर टिके रहते थे। एक रात वह अपने एक मित्र के साथ कार में घूमने निकले। लोहिया जी तेजी से गाड़ी चला रहे थे। सामने सड़क पर एक किसान बिना लाइट की मोटरगाड़ी में सब्जियां रखकर ला रहा था। लोहिया जी की गाड़ी किसान की गाड़ी …
Read More »जब हेरो थोरा ने 1 भारतीय किसान से मांगी माफी
हेरो थोरो अमेरिका का एक मशहूर चिंतक और विचारक थे। थोरो भारतीय विचारधारा से प्रेरित थे। उन्हें अपने साहित्य में कालिदास, विष्णु पुराण, हरिवंश पुराण आदि के उदाहरणों को शामिल किया था। भारतीय विचारधारा से प्रभावित होकर, वो भारत में ही एक गांव में पहुंचे। आश्रम बनाने के लिए उन्होंने एक किसान से जमीन ली थी। लेकिन अगले ही दिन …
Read More »अहंकार का परिणाम
एक बार एक किसान की फसल चौपट हो गई। हारकर वह मेहनत-मजदूरी की तलाश में शहर चला गया। शहर से कुछ कमाई करने के बाद जब वह गांव लौट रहा था तो उसे रास्ते में एक ऊंटनी और उसका छोटा बच्चा नजर आया। किसान उन्हें अपने घर ले आया। कुछ दिन बाद एक कलाकार ग्रामीण जीवन के चित्रण हेतु उसी …
Read More »जानिए ऐसी होती है बिना मुहूर्त की महिमा
किसी देश में वसु सेन नाम का एक राजा राज करता था। वह पुरुषार्थी चक्रवर्ती सम्राट था। लेकिन कोई भी काम बिना ज्योतिषी से मुहूर्त जाने बिना नहीं करता था। इस कारण से प्रजा और सभासद- सभी को बड़ी चिंता होने लगी। एक दिन राजा वसु सेन अपने देश के दौरे पर निकले। उनके साथ राज ज्योतिषी भी था। तभी …
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