कवि गालिब को एक दफा बहादुरशाह ने भोजन का निमंत्रण दिया था। गालिब था गरीब आदमी। और अब तक ऐसी दुनिया नहीं बन सकी कि कवि के पास भी खाने-पीने को पैसा हो सके। अच्छे आदमी को रोजी जुटानी अभी भी बहुत मुश्किल है।गालिब तो गरीब आदमी थे। कविताएं लिखी थीं, ऊँची कविताएं लिखने से क्या होता है? कपड़े उसके …
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परमात्मा कहां है?
हसीद फकीर हुआ, बालसेन। उससे मिलने कुछ औरहसीद फकीर आए हुए थे। चर्चा चल पड़ी—— एक बड़ी दार्शनिक चर्चा ——परमात्मा कहां है?किसी ने कहा, पूरब में, क्योंकि पूरब से सूरज ऊगता है। और किसी ने कहा कि जेरूसलम में, क्योंकि यहूदी ही परमात्मा के चुने हुए लोग हैं, और परमात्मा ने ही मूसा के द्वारा यहूदियों को जेरूसलम तक पहुंचाया। …
Read More »उड़े बिना जीवन में कोई गति नहीं है।
कुछ वर्ष पहले पहलगांव (कश्मीर) में एक घटना घटी, जो मुझे भूले नहीं भूलती। एक वृक्ष के नीचे बैठा था। ऊंचाई पर वृक्ष में छोटा—सा एक घोंसला था, और जो घटना उस घोंसले में घट रही थी उसे मैं देर तक देखता रहा, क्योंकि वही घटना शिष्य और गुरु के बीच घटती है। कुछ ही दिन पहले अंडा तोड़कर किसी …
Read More »कोल्हू का बैल
मैंने सुना है, एक दार्शनिक, एक तार्किक, एक महापंडित सुबह-सुबह तेल खरीदने तेली की दुकान पर गया। विचारक था, दार्शनिक था, तार्किक था, जब तक तेली ने तेल तौला, उसके मन में यह सवाल उठा–उस तेली के पीछे ही कोल्हू का बैल चल रहा है, तेल पेरा जा रहा है–न तो उसे कोई चलाने वाला है, न कोई उसे हांक …
Read More »खेल सारा मन का है
चेखोव रूस का एक बहुत बड़ा लेखक हुआ। उसने अपने संस्मरणों के आधार पर एक कहानी लिखी। उसके मित्र का लड़का कोई दस साल पहले घर से भाग गया। मित्र धनी था। लेकिन जैसे अक्सर धनी होते हैं, महा-कृपण था। और लड़के को बाप के साथ रास न पड़ी। तो लड़का घर छोड़ कर भाग गया।एक ही लड़का था। जब …
Read More »श्री कृष्ण और पूतना वध की कहानी!!
कंस का अंत नजदीक आ चुका था। उसे इस बात का पता चल चुका था कि उसकी मृत्यु उसके ही भांजे कृष्ण के हाथों होने वाली है। फिर क्या था, बाल गोपाल को मारने के लिए कंस कई तरह के हथकंडे अपनाने लगा। वह कृष्ण को मारने के लिए शक्तिशाली दानवों को भेजता, लेकिन नटखट कन्हैया की बाल लीला के …
Read More »ईश्वर के बंदों से प्रेम
एक बार भगवान् श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, “मैं उससे प्रेम करता हूँ, जो हर प्राणी के प्रति, दुःखियों के प्रति करुणा की भावना रखकर उनसे प्रेम करता है और उनकी सेवा करता है। ईसा ने भी कहा है, ‘जो पड़ोसी से, अभावग्रस्त से प्रेम करता है, उसकी सहायता करता है, मैं उससे प्रेम करता हूँ। अरब की एक प्राचीन …
Read More »मानव में भगवान्
रामचंद्र डोंगरेजी महाराज परम विरक्त व ब्रह्मनिष्ठ संत थे। उन्होंने अपने जीवन में सौ से अधिक कथाएँ सुनाई, पर दक्षिणा में एक पैसा भी स्वीकार नहीं किया। कथा के चढ़ावे के लिए आने वाला तमाम धन वे असहाय व अभावग्रस्तों के लिए भोजन की व्यवस्था और गरीब कन्याओं के विवाह के लिए भेंट कर देते थे। अन्नदान को वे सर्वोपरि …
Read More »तेरा साईं तुझमें
एक बार एक विद्यालय में अध्यापक ने छात्रों की परीक्षा लेने के लिए प्रश्न किया, ‘बताओ ईश्वर कहाँ है?’ एक छात्र ने कहा, ‘गुरुदेव, भगवान् मंदिर में हैं। हम वहाँ उनके दर्शन करने जाते हैं। दूसरे छात्र ने कहा, ‘गिरिजाघर में। हम संडे को वहाँ जाकर प्रभु की प्रार्थना करते हैं।’ तीसरे ने कहा, ‘मसजिद में। हम वहाँ रोजाना नमाज …
Read More »एक सत्य कथा
एक सत्य कथा* *हनुमान चालीसा की उत्पत्ति* *यह कहानी नही एक सत्य कथा है* *शायद कुछ ही लोगो को यह पता होगा* *पवन पुत्र हनुमान जी की आराधना तो* *सभी लोग करते है और हनुमान* *चालीसा का पाठ भी करते है, पर इसकी उत्पत्ति कहा और कैसे हुई यह जानकारी बहुत ही कम लोगो को होगी* *बात 1600 ई.की है …
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