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Tag Archives: god

आज्ञा नहीं है माँ मुझे किसी और काम की

दोहा :- न पल मे यु महान न होते गदा हाथ लिये बलवान न होते न विजय श्रीराम की होती अगर पवनपुत्र हनुमान न होते आज्ञा नहीं है माँ मुझे, किसी और काम की वरना भुजाएँ तोड़ दू, सौगंध राम की लंका पाताल ठोक दू, रावण के शान की जिन्दा जमी मे गाढ़ दू, सौगंध राम की ना झूठी शान …

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बाबा अमरनाथ बर्फानी योगिराज दया के दानी

बाबा अमरनाथ बर्फानी, योगिराज दया के दानी | भूखे को है भोजन देते और प्यासे को पानी || बाबा अमरनाथ की जय, बोलो शिव शंकर की जय || भक्तो के मन बसने वाले ये तो सब के स्वामी है | मन चाहा फल देने वाले शंभू अंतरयामी है | महादेव के दर्शन कर के, संवर जाये जिंदगानी || दया धरम …

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अवसर की पहचान

एक बार एक ग्राहक चित्रो की दुकान पर गया । उसने वहाँ पर अजीब से चित्र देखे । पहले चित्र मे चेहरा पूरी तरह बालो से ढँका हुआ था औरथे ।एक दूसरे चित्र मे सिर पीछे से गंजा था। ग्राहक ने पूछा – यह चित्र किसका है? दुकानदार ने कहा – अवसर का । ग्राहक ने पूछा – इसका चेहरा बालो …

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भगवान शिव

anupam roop neelamani ko ree

शैवागम में रुद्र के सातवें स्वरूप को शिव कहा गया है । शिव शब्द नित्य विज्ञानानंदघन परमात्मा का वाचक है । इसलिए शैवागम भगवान शिव को गायत्री के द्वारा प्रतिपाद्य एवं एकाक्षर ओंकार का वाच्यार्थ मानता है । शिव शब्द की उत्पत्ति ‘वश कान्तौ’ धातु से हुई है, जिसका तात्पर्य यह है कि जिसको सब चाहते हैं, उसका नाम शिव …

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श्रीकृष्ण चैतन्य महाप्रभु और श्रीकृष्ण भक्ति

khud to baahar hee khade rahe

सर्वसम्पद पूर्ण – आनंद दायक आकर्षणसत्तायुक्त चिद्घनस्वरूप परमतत्त्व की ओर आकृष्ट चित्कणस्वरूप जीवसमुदाय की जो आकर्षम क्रिया है, उसी का नाम भक्ति है । यद्यपि यह श्रीकृष्ण – बक्ति जीवमात्र का नित्यसिद्ध स्वरूपगत स्वधर्म है, तथापि जीव की जड़बद्ध – दशा में इसका विशेष परिचय मनुष्य शरीर में ही अधिक प्राप्त होता है । संसार में क्या सभ्य, क्या असभ्य, …

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गीता के उपदेष्टा श्रीकृष्ण

Abhimanu Mahabharat Mahakavye

परब्रह्म पुरुषोत्तम भगवान अपनी माया का अपनी योगमाया का अधिष्ठान करके मनुष्य रूप से सृष्टि में प्रकट होते हैं और संसार – चक्र की स्थानविच्युता धुरी को पुन: सुव्यवस्थित कर, अनेकता में एकत्व का अर्थात् भिन्न – भिन्न रूप से दिखनेवाले व्यक्तियों का मूलस्वरूप एक ही है, यह भान होने के लिए सुविधा प्रदान कर देते हैं । इस बात …

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मैं तो कृष्ण हो गया !

Main to kriṣṇa ho gayaa

  भगवान ! मेरा उद्धार करो ! मेरी नौका पार लगाओ । मेरे पापों के बोझ से बस, यह डूबना ही चाहती है । बड़ी जीर्ण है यह, और फिर ऊपर से बोझ बेतौल है । विपरीत बयार बह रही है, चारों और घोर अंधकार छाया हुआ है, हाथों हाथ नहीं सूझता । खेने की कला भी नहीं मालूम । …

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लंबोदरा लकुमिकारा

Lamboder Lakumikara story

लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा श्री गणनता सिंधुरा वरना करुणा सगरा करी वादना श्री गणनता सिंधुरा वरना करुणा सगरा करी वादना लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा सिद्धा चारणा गाना सेविता सिद्धि विनायका ते नामो नामो सिद्धा चारणा गाना सेविता सिद्धि विनायका ते नामो नामो लंबोदरा लकुमिकारा अंबा सूता अमरा विनुता लंबोदरा लकुमिकारा सक़ाला विद्या …

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Co-Existence

ten ke tambure main bhajan

For the last 3,000 years we have been taught nothing. We have been taught that there is a God somewhere up there, and that we must make an effort, a journey, to reach there. But it is very simple: If you cannot see God in all, you cannot see God at all. If the Muslim God is better than the …

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मोहे सब घट श्याम ही दीखे

mohe sab ghat shyaam hee deekhe

मोहे सब घट श्याम ही दीखे सब घट श्याम ही दीखे जित देखूँ उत श्याम ही दीखे (२) सागर की ये तरंग प्रभुजी बोले राधे श्याम नदिया की ये लहर प्रभुजी गाये राधे श्याम मोहे सब में श्याम ही दीखे सब में श्याम ही दीखे जित देखूँ उत श्याम ही दीखे (२) मोहे सब घट श्याम ही दीखे बावरी बन …

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