शिक्षक दिवस के अवसर पर आज हम आपके लिए सच्चा शिक्षक- कहानी लाये हैं। जो एक शिक्षिका और एक छात्र के सम्बंध पर आधारित है। यह कहानी निश्चित रूप से आपको भावुक कर देगी। यह कहानी बताती है कि एक शिक्षक का कार्य केवल पढ़ाना ही नहीं होता बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व का विकास भी शिक्षकों का दायित्व है। शहर के प्राथमिक विद्यालय …
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लाला बैकुंठनारायण !!
लाला बैकुंठनारायण जीवनभर एक के दो करने के फेर में लगा रहा। कंजूस इतना था कि न तो कभी उसने किसी गरीब की कोई सहायता की और न ही कभी फूटी कौड़ी का दान दिया । एक दिन वह असाध्य रोग से ग्रस्त होकर चारपाई पर पड़ गया। परिजनों ने उसके बचने की आशा त्याग दी थी। स्वयं बैकुंठनारायण को भी …
Read More »बुद्धिमान बहू !!
गंगा के तट पर पर एक सुंदर नगर था। उसमें एक व्यापारी परिवार सहित रहता था। उसके परिवार में व्यापारी पति पत्नी, उसका पुत्र और पुत्रवधू रहते थे। पुत्र का नाम अजितसेन और पुत्रवधू का नाम शीलवती था। अजितसेन व्यापार के सिलसिले में कई दिनों तक बाहर रहता था। जबकि पुत्रवधू घर पर सास ससुर की सेवा करती थी। पूरा …
Read More »हरा सोना !!
एक गरीब लड़की थी। वह भीख माँगकर अपना गुजारा करती थी। एक दिन एक औरत ने उसे भीख के बदले फूलों के कुछ पौधे एवं बीज देते कहा’तुम इन पौधों और बीजों को घर के आंगन में बोना तो तुम्हें कभी भीख नहीं माँगनी पडेगी।” निशा की समझ में कुछ नहीं आया लेकिन उसने औरत के कथनानुसार उन पौधों एवं …
Read More »समय की कीमत !!
हरी एक गरीब एवं राज्य सबसे चर्चित आलसी था वह कुछ कार्य नहीं करता था। उसके आलस की चर्चा सुनकर एक दिन राजा ने उसे बुलवाकरकहा,‘तुम पैसे कमाने के लिए कोई कार्य क्यों नहीं करते हो?”हरी बोला मुझे कोई काम ही नहीं देता और मेरे दुश्मन सोचते हैं कि मैं आलसी हु ।” राजा बोला’ठीक है, तुम मेरे राजकोष में …
Read More »समस्या का हल !!
एक दिन तीन निर्धन दोस्तों को सड़क पर एक रुपया गिरा हुआ मिला। वह तीनों ही उस रुपए पर अपना-अपना हक जताने लगे।अन्ततउन्होंने झगड़ा न करने का निर्णय लेकर तय किया कि वे उस रुपए से कुछ खाने की वस्तु खरीदकर आपस में बाँट लेंगे।उनमें से पहला बोला,” मैं कुछ मीठा खाऊंगा” दूसरा बोला,’मुझे तो बड़े जोरों की भूख लगी …
Read More »जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं !!
कुंभज नामक एक कुम्हार बहुत सुंदर घड़ेसुराही, गमले आदि बनाता था। उसके बनाए सामान की मांग दूरदूर तक थी। वह अपना काम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करता था। उसके पास एक छोटा-सा कमरा था । और बाहर बहुत बड़ा चौक। वह अपने सभी मिट्टी के बर्तनों को बनाकर उन्हें चौक में सुखाता था। उसके चौक में बहुत अच्छी और …
Read More »दिन में तारे !!
स्कूल से घर पहुंचते ही गोलू ने बस्ता सोफे पर पटका और हाथमुंह धोने चला गया, मां ने पुकारा..गोलू । जल्दी से मेज पर आओ, खाना लगा दिया है आओ। साथसाथ खाएंगे। ठीक है..गोलू ने कहा पर देर तक मेज पर नहीं आयामां का मन खटका, कहां है गोलू । वह स्नानघर की तरफ लपकी, पर गोलू वहां नहीं था, …
Read More »नाच न जान आंगन टेढ़ा !!
प्रांजलि की आदत थी कि वह छोटी से छोटी बात को बहुत बढ़ाचढ़ाकर बोलती थी। क्लास में कोई भी ऐसा बच्चा नहीं था, जिसका वह मजाक नहीं उड़ाती थी। कई बार तो उसके दोस्त नाराज हो जाते थे और कई बार हंसकर टाल देते थे। पर ज्यादा समय तक कोई भी उससे गुस्सा रह भी नहीं पाता था क्योंकि प्रांजलि …
Read More »सेर को सवा सेर !!
शहर गंगापुर में सबसे बड़ी दुकान दमड़ी साह की थी। उनकी दुकान पर जरूरत का हर सामान मिल जाता था। लेकिन दमड़ी साह थे बड़े नफाखोर। से सस्ती और बेकार चीजें उठा लाते और यहां मनमाने दामों में बेचते।चावल- मिलावट भी खूब करते। पिसी धनिया में लकड़ी का बुरादा, दालों में छोटे पत्थरपिसी मिर्च में ईटों का बुरादा, काली मिर्च …
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