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Monthly Archives: July 2017

चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें

Chanakya-quotes

चाणक्य कहते हैं कि संभोग के बाद बिना स्नान किये घर से बहार नहीं निकलना चाहिए। यह साफ-सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरुरी है। चाणक्य कहते हैं, इन चीज़ों को करने के बाद जरुर स्नान करें हमारे प्राचीन शास्त्रों में बताया गया है कि रोज़ स्नान करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है साथ ही मांसपेशियों पर …

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ऐसे कीजिए अच्छे और बुरे की पहचान

गुरु द्रोणाचार्य ने शिक्षा पूरी होने पर कौरव और पांडव वंश के राजकुमारों दुर्योधन और युधिष्ठिर को परीक्षा के लिए बुलाया। गुरु द्रोण ने सबसे पहले युधिष्ठिर और दुर्योधन को एक अच्छा व्यक्ति ढूंढकर लाने को कहा। दोनों राजुकमार चल दिए।  सारा दिन खाली हाथ भटकने के बाद शाम को वापिस गुरुकुल आए। दुर्योधन बोला, गुरुजी मुझे तो कोई भी …

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जानिए जीतने का रहस्य

जानिए जीतने का रहस्य

एक बार देवों और असुरों में घोर युद्ध हो रहा था। राक्षसों के शस्त्र, बल, और युद्ध कौशल के सामने देवता नहीं टिक पाए। वे हार कर जान बचाने के लिए भागे। सभी देवता महर्षि दत्तात्रेय के पास पहुंचे और उन्हें अपनी विपत्ति सुनाई। महर्षि ने उनको धैर्य बांधते हुए कहा ‘आप सभी पुनः युद्ध की तैयारी करें, देवताओं ने …

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ऐसे मिलेगी मानसिक शांति

बहुत समय पहले की बात है। धार्मिक विचारों वाले एक राजा के पास कोई संत मिलने आए राजा प्रसन्न हो गया। भाव विभोर और आंखों में खुशी के आंसू के साथ राजा बोले, ‘मेरी इच्छा है कि आज आपके मन की कोई भी मुराद मैं पूरी करूं। बताइए आपको क्या उपहार चाहिए।’ संत असमंजस में पढ़ गए। उन्होंने कहा, ‘आप …

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मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

मन की शक्ति से बड़ी कोई शक्ति नहीं

एक दिन स्वामी विवेकानंद एक अंग्रेज मि.मूलर के साथ टहल रहे थे। उसी समय एक पागल सांड तेजी से उनकी ओर बढ़ने लगा। अंग्रेज सज्जन भाग कर पहाड़ी के दूसरी छोर पर जा खड़े हुए। स्वामीजी ने उन्हें सहायता पहुंचाने का कोई और उपाय न देख खुद सांड के सामने खड़े हो गए। तब मिस्ट मूल देखकर दंग रह गए। …

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इंसान वही जो दूसरों के दुःख दर्द को समझे

एक ज्ञानी संत थे। दूसरों के दुख दूर करने में उन्हें परम आनंद प्राप्त होता था। एक बार वे सरोवर के किनारे ध्यान में बैठे हुए थे। तभी उन्होंने देखा एक बिच्छु पानी में डूब रहा है। वे तुरंत ही उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने जैसे ही बिच्छु को पानी से निकालने के लिए उठाया उसने स्वामीजी को …

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जैसा आचरण वैसा व्यवहार

जैसा आचरण वैसा व्यवहार

एक बार एक स्त्री महाराष्ट्र के महान संत ज्ञानेश्वर महाराज के पास आई। वह अपने छोटे बच्चे को भी साथ लाई। उस स्त्री ने संत से कहा कि मेरे बेटे को अपच की बीमारी है। मैने इसका इलाज कई दवाईयों और औषधियों से किया पर यह ठीक नहीं हुआ। संत ज्ञानेश्वर ने कहा कि ‘इसे आप कल लेकर आना। दूसरे …

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ऐसा करेंगे तो होंगे चमत्कार

भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एक समारोह में शिरकत करने के लिए गए। यह कार्यक्रम लंदन में होने वाला था। जब वे वहां पहुंचे तो वहां कई नेताओं से भेंट के दौरान एक क्षण ऐसा भी आया, जब विन्सटन चर्चिल और नेहरू आमने-सामने हुए। हालांकि चर्चिल नेहरूजी की सदैव ही आलोचना किया करते थे लेकिन उस समारोह में दोनों नेता …

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जानिए किसने कहा था, ‘निंदा को इसीलिए करें नजरअंदाज’

एक बार मुल्ला इस्माइल इसफहानी नमाज पढ़ रहे थे। एक दुष्ट व्यक्ति वहां से गुजरा और उन्हें अपशब्द कहने लगा। लेकिन मुल्ला साहब उस ओर ध्यान न देते हुए नमाज पढ़ते रहे। बाद में नमाज खत्म होने के बाद उनके एक शिष्य मिर्जा मुकीम ने पूछा, ‘यह दुष्ट आपको इतने अपशब्द कह रहा था, और आप उसे नजरअंदाज कर रहे …

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संतोषी व्यक्ति सदा सुखदायी

भगवान बुद्ध पाटलिपुत्र में प्रवचन कर रहे थे। लोग मंत्रमुग्ध थे। प्रवचन के बाद बुद्ध आंखे बंद किए बैठे थे। स्वामी आनंद ने जिज्ञासा व्यक्त की, तथागत, आपके सामने बैठे लोगों में सबसे सुखी कौन है? तथागत बोले कि सबसे पीछे जो सीधा-साधा या कहें फटेहाल सा ग्रामीण आंखें बंद किए बैठा है, वह सबसे ज्यादा सुखी है। यह सुनकर …

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