blog
ढाई आखर प्रेम का
एक बार सत्संग के दौरान परम भागवत संत अखंडानंद सरस्वती ने अपने गुरु उड़िया बाबा से प्रश्न किया, ‘महाराज, पंडित कौन है?’ उड़िया बाबा ने बताया, ‘शास्त्र में कहा गया है- आत्मज्ञान समारम्भस्तितिक्षा धर्म नित्यता। यमर्थात्रापकर्षन्ति स वै पंडित उच्यते।’ यानी जिन्हें अपने वास्तविक स्वरूप का ज्ञान है, जो धर्मानुसार जीवन जीते हैं, दुःख सहन करते हैं और जो धन …
Read More »