जब वैशाली में धम्म प्रचार के लिए गौतम बुद्ध गए तब कुछ सैनिक भागती हुई लड़की का पीछा कर रहे थे। सिपाईयों से बचती हुई वह लड़की एक कुएं के पास खड़ी हो गई। गौतम बुद्ध उस कुएं के पास गए और उस लड़की से बोले, ‘आप स्वयं भी जल पीएं और मुझे भी जल पिलाएं।’ तभी एक सैनिक वहां …
Read More »Buddha
आपके पास है ऐसा बल जो बना सकता है आपको महान
गौतम बुद्ध एक बार अपने अनुयायियों को प्रवचन दे रहे थे तब उन्होंने विराट नगर के राजा सुकीर्ति की कथा सुनाई। वह कहते हैं कि राजा सुकीर्ति के पास लौहशांग नामक एक हाथी था, जिसके जरिए राजा ने कई युद्धों में विजय पाई थी। युद्ध कला में प्रवीण लौहशांग जब हुंकार भरता हुआ शत्रु-सेनाओं में घुसता, तो विपक्षियों के पांव …
Read More »जैसी भावना वैसी मनोकामना
एक बार भगवान बुद्ध एक शहर में प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने प्रवचन के बाद आखिर में कहा, ‘जागो! समय हाथ से निकला जा रहा है।’ इस तरह उस दिन की प्रवचन सभा समाप्त हो गई। सभा के बाद तथागत ने अपने शिष्य आनंद से कहा, थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। आनंद, भगवान बुद्ध के साथ चल दिए। अभी …
Read More »बड़ी बातें नहीं बेहतर है कम बात करें
एक व्यक्ति दुनिया घूमकर आया और बड़ी-बड़ी बातें करने लगा। जो भी उसके पास जाता तो वह उससे कई प्रश्न किया करता। जब यह बात गौतम बुद्ध को पता चली तो वह वेश बदलकर उस व्यक्ति के पास पहुंचे। उस व्यक्ति ने उनसे प्रश्न किया। ‘कौन हो तुम? कहीं ब्राह्मण तो नहीं।’ बुद्ध ने उत्तर दिया, ‘अपने शरीर और मन …
Read More »यदि आत्मज्ञान प्राप्त हो जाए तो इसे लोगों में बांटें
महाकश्यप भगवान बुद्ध के प्रिय शिष्य थे। बुद्ध उनकी त्याग भावना तथा ज्ञान से संतुष्ट होकर बोले- ‘वत्स, तुम आत्मज्ञान से पूरी तरह मंडित हो। तुम्हारे पास वह सब है, जो मेरे पास है। अब जाओ और सत्संदेश का जगह-जगह प्रचार-प्रसार करो।’ महाकश्यप ने ये शब्द सुने, तो वे मायूस हो गए। वह बोले, ‘गुरुदेव यदि मुझे पहले से पता …
Read More »बुरे समय को ऐसे टालिए
शाम का समय था। महात्मा बुद्ध एक शिला पर बैठे हुए थे। वह डूबते सूर्य को एकटक देख रहे थे। तभी उनका शिष्य आया और गुस्से में बोला, ‘गुरुजी ‘रामजी’ नाम के जमींदार ने मेरा अपमान किया है। आप तुरंत चलें, उसे उसकी मूर्खता का सबक सिखाना होगा। महात्मा बुद्ध मुस्कुराकर बोले, ‘प्रिय तुम बौद्ध हो, सच्चे बौद्ध का अपमान …
Read More »जब सुख नहीं दे सकते, तो दुख क्यों देते हो
एक बार गौतम बुद्ध जंगल में आम के पेड़ के नीचे ध्यान मग्न थे। वहां खेल रहे कुछ बच्चों ने पेड़ से आम तोड़ने के लिए पत्थर फेंका, पत्थर तथागत यानी गौतम बुद्ध के सिर पर लग गया। उनके सिर से खून बहने लगा। यह सब कुछ देख बच्चे डर गए। उन्हें लगा कि अब ये मुनि उन्हें भला-बुरा कहेंगे। …
Read More »मृत्यु से भी बड़ा होता है प्रेम
भगवान बुद्ध एक बार उपदेश देने एक गांव में पहुंचे। वहां उनके पड़ाव का अंतिम दिन था। तब वह उस गांव के एक व्यक्ति के यहां पहुंचे। वो गरीब था। उसके पास भगवान बुद्ध के आतिथ्य के लिए कुछ भी न था। तब उसने घर के बाहर देखा। जहां उसकी नजर बरसात में भीगी लकड़ियों पर पड़ी, जिन पर कुकुरमुत्ता( …
Read More »इसीलिए कभी न छोड़ें आत्म संयम
बोधिसत्व (बुद्धत्व पाने के लिये बौधिसत्व को दस अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है। उस व्यक्ति के बोधिसत्व कहा जाता है। बोधिसत्व किसी व्यक्ति का नाम भी हो सकता है।) का जन्म वाराणसी के बंजारों के यहां हुआ था। उस समय बंजारों का काम था खाने पीने और जरूरत में आने वाली अन्य वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक …
Read More »परिस्थितियां बदलती हैं हमेशा
एक बार भगवान बुद्ध कहीं जा रहे थे। वह पैदल यात्रा कर रहे थे, इस कारण थक कर एक पेड़ के नीचे बैठ गए। उनके साथ उनके अन्य शिष्यों के साथ आनंद भी मौजूद थे। भगवान बुद्ध ने कहा, ‘आनंद यहां नजदीक एक झरना है, वहां से जल ले आओ।’ आनंद झरने के पास पहुंचा, लेकिन वहां गंदा पानी बह …
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