घातक एक कल्ट क्लासिक रचना है… ऐसी फिल्म अब दोबारा से बन ही नहीं सकती…इस फिल्म को लोग ” ये मजदूर का हाथ है कात्या” जैसे डायलॉग की वजह से याद रखते हैं लेकिन ये फिल्म उससे कहीं अधिक है। फिल्म के एक सीन में काशी का पिता अस्पताल में भर्ती होता है और उसे पता लगता है कि उसके …
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विनम्रता
“उस वक्त की बात है, जब मैं अपने करियर की ऊँचाइयों पर था| एक बार मैं प्लेन में यात्रा कर रहा था| मेरे पास में ही एक व्यक्ति बैठे हुए थे, जिन्होंने सामान्य शर्ट और पेंट पहनी हुई थी| वह दिखने में सामान्य परिवार के व्यक्ति लेकिन शिक्षित मालूम होते थे| प्लेन के सारे पैसेंजर लगातार मुझे देख रहे थे, …
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