बापजी की समझ में आ गया कि उनके रूप में कौन आया था। उन्होंने उसी दिन संन्यास ले लिया और फिर कभी न्यायालय या अपने घर नहीं आये।
Read More »Bhajan/Aarti / Mantra/ Chalisa Lyrics
हरद्वार की महिमा
हरद्वार जिसे हरिद्वार के नाम से भी जाना जाता है। इसकी महिमा अनन्त है, जिसे शास्त्रो अथवा पुराणों में बहुत गाया और बताया गया है..
Read More »गणेश मंत्र
इस मंत्र के जाप से मन को शांति मिलती है आपकी काम के प्रति एकाग्रता बनी रहती है और मन के साथ शरीर भी स्वस्थ बना रहता है।
Read More »ॐ नमः शिवाय 108 जाप
एक करोड़ जप पूरा होने पर उनमें से प्रथम स्थान-तनु स्थान शुद्ध होने लगता है। रजो-तमोगुण शांत होकर रोगबीजों व जन्म-मरण के बीजों का नाश होता है
Read More »om namho bhagwate vasudevay
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
Read More »“सच्ची पूजा का फल”
किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह ग्वालिन थी उसके चार पुत्र और एक पुत्री थी। एक समय नगर में हैजा की बीमारी फैली। एक-एक करके बुढ़िया के पति और चारों पुत्र चल बसे। अब एक मात्र लड़की रह गयी। पति और पुत्रों के न रहने पर बुढ़िया की पीड़ा असह्य हो गयी।बुढ़िया के पास अधिक जगह-जमीन न थी। …
Read More »Shrimad Bhagwat Geeta Mahatmya Adhyay3
श्रीमद्भगवद्गीता तीसरे अध्याय के पाठ का महत्व श्री नारायण बोले- हे लक्ष्मी एक महामूर्ख व्यक्ति अकेला ही एक वन में रहता था, गलत कार्यों से उसने बहुत सा धन इकट्ठा किया। किसी कारण से वह सब धन जाता रहा। अब वह व्यक्ति बहुत चिंतित रहने लगा। किसी से पूछता कि ऐसा उपाय बताओं जिससे पृथ्वी में गड़ा धन मुझे मिले। …
Read More »जीवन का कठोर सत्य
भगवान विष्णु गरुड़ पर बैठ कर कैलाश पर्वत पर गए।द्वार पर गरुड़ को छोड़ कर खुद शिव से मिलने अंदर चले गए।तब कैलाश की अपूर्व प्राकृतिक शोभा को देख कर गरुड़ मंत्रमुग्ध थे कि तभी उनकी नजर एक खूबसूरत छोटी सी चिड़िया पर पड़ी।चिड़िया कुछ इतनी सुंदर थी कि गरुड़ के सारे विचार उसकी तरफ आकर्षित होने लगे।उसी समय कैलाश …
Read More »कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्
हिन्दू मान्यता के अनुसार, किसी भी पूजा से पहले भगवान गणेश की स्तुति की जाती है. उसी तरह किसी भी देवी-देवता की आरती के बाद कर्पूर मंत्र का जाप करने का अपना महत्व है. भगवान शिव की ये स्तुति शिव-पार्वती विवाह के समय विष्णु द्वारा गाई गई है. ये समझा जाता है कि भगवान शिव जो शमशान वासी हैं, उनका …
Read More »जय श्री राम
कई लोग ये पूछते हैं कि श्रीराम ने धनुष उठा कर स्वयंवर की शर्त तो पूरी कर ही दी थी, फिर उस धनुष को भंग करने की क्या आवश्यकता थी?यदि आप मेरा दृष्टिकोण पूछें तो मैं यही कहूंगा कि उस धनुष की आयु उतनी ही थी। अपना औचित्य (देवी सीता हेतु श्रीराम का चुनाव) पूर्ण करने के उपरांत उस धनुष …
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