महाराज रणजीत सिंह एक बार घोड़े पर सवार होकर सैनिकों के साथ कहीं जा रहे थे। अचानक एक पत्थर आकर उनको लगा। पत्थर मारने वाले की तलाश में सैनिक एक वृद्धा चारों ओर दौड़ पड़े। थोड़ी देर में सैनिक को पकड़ कर लायें और कहा-‘इसी दुष्टा ने पत्थर मारा हैं। महाराज ने पास बुलाकर पत्थर मारने का कारण पूछा । …
Read More »Gyan Shastra
उचित दण्ड !!
चोड देश में गोवर्धन नाम का राजा राज्य करता था। वह प्रजा का पालन पुत्रवत् करता। प्रत्येक के सुख-द:ख को अपना सुख-दु:ख समझता। वह बड़ा न्यायप्रिय था। उसने अपने दरबार में सभा मंडप के सामने लोहे के स्तम्भ पर एक घंटा बंधवा दिया था, जिसका नाम न्याय घंटा था। न्याय चाहने वाला उस घंटे को बजा दिया करता। राजा घंटे …
Read More »समझदारी की बात !!
एक से था। उसने एक नौकर रखा। रख तो लिया, पर उसे उसकी ईमानदारी पर विश्वास नहीं हुआ। उसने उसकी परीक्षा लेनी चाही। अगले दिन सेठ ने कमरे के फर्श पर एक रुपया डाल दिया। सफाई करते समय नौकर ने देखा। उसने रुपया उठाया और उसी समय सेठ के हवाले कर दिया।दूसरे दिन वह देखता है कि फर्श पर पांच …
Read More »शेर और चतुर खरगोश !!
एक जंगल में एक बहुत शक्तिशाली शेर रहता था। वह पूरे जंगल में निडर होकट घूमता रहता था और जो भी जाबवर उसे दिख जाता, उसे मार डालता। सारे जानवर बहुत चिंतित थे। एक दिन सारे जानवर एक साथ शेर के पास पहुंचे और कहने लगे *आप हमारे राजा हैं। हम नहीं चाहते कि आपको शिकार करने के लिए इधर-उधर …
Read More »विषैले फलों का पेड़ !!
कुछ बदमाश एक पेड़ पर टकटकी लगाए रहते थे जिस पर जहरीले फल आते थे। आम जैसे उन फलों को खाकरजो व्यक्ति मर जाता था उसका सामान वे बदमाश आपस में बांट लेते थे। एक दिन “कोई अच्छी खबर है?” एक बदमाश ने पूछा एक आदमी फल खा रहा है।” दूसरे ने चुप रहने का सकत करते हुए कहा। “लगता तो …
Read More »मित्रों का महत्व !!
एक बड़ी झील के किनारे एक नर बाज रहता था। कुछ समय बाद एक मादा बाज भी दूसरे पेड़ पर आकर रहने लगी। नर बाज ने मादा बाज से शादी का निवेदन किया तो उसने कहा कि पहले कुछ मित्र तो बनाओ, क्योंकि जब कभी मुसीबत आता ह तो मित्रों का बहुत सहारा होता है। यह सुनकर नर बाज मित्र …
Read More »बोरीभर ठीकरियां !!
दूलीचंद व नानकचंद गहरे मित्र थे। दूलीचंद ने वृद्धावस्था के लिए कुछ धन जोड़ रखा था। उसके बल पर उसका बुढ़ापा मजे से कट रहा । जबकि नानकचंद ने था जितना कमाया था वह सब उड़ा दिया था। फलस्वरूप उसका बुढ़ापा कष्टों में गुजर रहा था दूलीचंद का परिवार पर पूरा दबदबा था। बेटे-बहुएं सभी उसकी आज्ञा का पालन करते थे। …
Read More »लाला बैकुंठनारायण !!
लाला बैकुंठनारायण जीवनभर एक के दो करने के फेर में लगा रहा। कंजूस इतना था कि न तो कभी उसने किसी गरीब की कोई सहायता की और न ही कभी फूटी कौड़ी का दान दिया । एक दिन वह असाध्य रोग से ग्रस्त होकर चारपाई पर पड़ गया। परिजनों ने उसके बचने की आशा त्याग दी थी। स्वयं बैकुंठनारायण को भी …
Read More »बुद्धिमान बहू !!
गंगा के तट पर पर एक सुंदर नगर था। उसमें एक व्यापारी परिवार सहित रहता था। उसके परिवार में व्यापारी पति पत्नी, उसका पुत्र और पुत्रवधू रहते थे। पुत्र का नाम अजितसेन और पुत्रवधू का नाम शीलवती था। अजितसेन व्यापार के सिलसिले में कई दिनों तक बाहर रहता था। जबकि पुत्रवधू घर पर सास ससुर की सेवा करती थी। पूरा …
Read More »हरा सोना !!
एक गरीब लड़की थी। वह भीख माँगकर अपना गुजारा करती थी। एक दिन एक औरत ने उसे भीख के बदले फूलों के कुछ पौधे एवं बीज देते कहा’तुम इन पौधों और बीजों को घर के आंगन में बोना तो तुम्हें कभी भीख नहीं माँगनी पडेगी।” निशा की समझ में कुछ नहीं आया लेकिन उसने औरत के कथनानुसार उन पौधों एवं …
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